Raipur News: सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर रोक! पत्रकारों ने किया विरोध, जलाई आदेश की प्रतियां

Raipur News: सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर रोक! पत्रकारों ने किया विरोध, जलाई आदेश की प्रतियां

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में मीडिया कवरेज को लेकर जारी किए गए नए निर्देशों को लेकर पत्रकारों में गहरा रोष है। रायपुर में पत्रकारों ने अंबेडकर चौक पर विरोध प्रदर्शन कर आदेश की प्रतियां जलाईं और चेतावनी दी कि यदि आदेश तीन दिन में वापस नहीं लिया गया, तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।

क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग का आदेश?

चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा जारी तीन पृष्ठों के आदेश में मीडिया कवरेज को लेकर कई सख्त शर्तें और पाबंदियां लगाई गई हैं। आदेश के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

  • पत्रकार केवल जनसंपर्क अधिकारी से पूर्व अनुमति लेने के बाद ही अस्पताल में रिपोर्टिंग कर सकेंगे।
  • अस्पतालों के संवेदनशील क्षेत्र जैसे मरीज वार्डों में मीडिया के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
  • किसी भी दुर्घटना, घटना या चिकित्सा मामले में मरीज की पहचान, नाम या मेडिकल स्थिति तब तक सार्वजनिक नहीं की जा सकेगी, जब तक कि वह कानूनी रूप से अनिवार्य न हो।
  • लाइव रिपोर्टिंग के लिए समय और स्थान पूर्व निर्धारित रहेगा ताकि अस्पताल की कार्यप्रणाली पर कोई प्रभाव न पड़े।
  • मरीज की गोपनीयता को सर्वोपरि बताते हुए पत्रकारों को बिना अनुमति कोई भी संवेदनशील जानकारी उजागर करने से रोका गया है।

हालांकि, पत्रकारों का कहना है कि गोपनीयता का सम्मान हमेशा से पत्रकारों की प्राथमिकता रही है, और इसे लेकर पहले से ही नैतिक और पेशेवर मानदंडों का पालन किया जाता है।

पत्रकारों का आरोप – गड़बड़ियों को छिपाने की कोशिश

पत्रकार संगठनों ने इस आदेश को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। उनका आरोप है कि यह कदम अस्पतालों में चल रही गड़बड़ियों और लापरवाहियों को जनता से छुपाने की कोशिश है। पत्रकारों का कहना है कि कई मामलों में मीडिया की सक्रियता से ही सरकारी अस्पतालों की लापरवाहियों पर कार्रवाई हुई है, और अब इस प्रकार की पाबंदियां लगाकर पारदर्शिता पर पर्दा डाला जा रहा है।

राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

रायपुर प्रेस क्लब और अन्य पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर तीन दिन के भीतर यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। पत्रकारों ने अंबेडकर चौक स्थित अंबेडकर प्रतिमा के सामने एकत्र होकर प्रदर्शन किया और आदेश को लोकतंत्र विरोधी करार दिया।


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