रायपुर। Eid al-Adha 2025 Date: ईद-उल-अजहा, जिसे ‘बकरीद’ और ‘कुर्बानी की ईद’ भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म का एक अहम त्योहार है. यह त्योहार हजरत इब्राहिम की उस परीक्षा की याद में मनाया जाता है जब उन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने का इरादा कर लिया था. इस बार बकरीद 7 जून को मनाई जाएगी.
ईद उल-अजहा के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने मुस्लिम समाज से शांति, स्वच्छता और आपसी भाईचारे के साथ त्योहार मनाने की अपील की है। अजहा पर बुराई को खत्म करने क़ुर्बानी दी जाती है. ऐसे में समाज को यह त्योहार संयम और सोच-समझ के साथ मनाना चाहिए।
डॉ. सलीम राज ने स्पष्ट कहा कि “कुर्बानी के समय विशेष ध्यान रखें कि कोई वीडियो या फोटो सोशल मीडिया पर साझा न करें। यह दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।” इसके अलावा उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि कुर्बानी सार्वजनिक स्थानों पर न करें, बल्कि अपने घर पर करें और जगह को चारों तरफ से ढककर गोपनीयता बनाए रखें। कुर्बानी के बाद खून नालियों में न बहाएं, बल्कि गड्ढा खोदकर सुरक्षित रूप से दफनाएं।ऐसा कोई कार्य न करें जिससे पड़ोसियों को असुविधा या परेशानी हो।
उन्होंने समाज से शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की भी अपील की और कहा कि त्योहार को इस तरह मनाएं कि यह सौहार्द और सांप्रदायिक एकता का संदेश दें।