छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में अवैध रेत खनन की खबर बनाने गए पत्रकारों को रेत माफिया ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। 2 बार हवाई फायरिंग की। माफिया के गुर्गों ने पहले पत्रकारों से बहस की, फिर कैमरा और आईडी कार्ड छीना। मामला राजिम थाना क्षेत्र के पैरी नदी के पितईबंद रेत घाट का है। वारदात के वक्त किसी तरह जान बचाकर भाग रहे पत्रकारों ने वीडियो वीडियो बनाया है, जिसमें वह खून से सने दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि 3 लोग दौड़ रहे हैं। वह वीडियो में कह रहे हैं कि रेत माफिया ने हमला किया है। प्रशासन पत्रकारों को बचाए। वीडियो करीब 14 सेकेंड का है। रेत माफिया की गुंडागर्दी को लेकर बड़ी संख्या में पत्रकारों ने आईडी माइक सड़क पर रखकर धरने पर बैठे हैं। रेत माफिया को सरंक्षण देने वाले जिले के खनिज अधिकारियों और रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।
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जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 9 जून दिन सोमवार को गरियाबंद के पत्रकार इमरान मेमन, थानेश्वर साहू और जितेंद्र सिन्हा समेत 4-5 निजी चैनल के पत्रकार अवैध रेत खनन की सूचना पर कवरेज करने गए थे। इस दौरान वह पितईबंद के अवैध रेत खदान पहुंचकर वीडियो बनाए। साथ ही अवैध परिवहन में लगे वाहनों को पकड़ने के लिए जिला खनिज अधिकारी को सूचना दी। इस दौरान माइनिंग की टीम नहीं पहुंची। खनिज विभाग के अधिकारियों की जगह खदान संचालक के 7-8 गुर्गे वहां आ गए।
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रेत माफिया के गुर्गे हथियारों से लैस थे
पत्रकारों को रेत खदान में देखकर भड़क गए। रेत माफिया के गुर्गे हथियारों से लैस थे। मारपीट करने से पहले 2 बार हवाई फायरिंग की भी की। पत्रकार इमरान के सिर पर लोहे के हथियार से वार किया, जिससे उनके सिर से खून भी बहने लगा। पत्रकार खून से सने हालात में मौके से जान बचाकर भागने लगे। गुर्गों ने बाइक और स्कूटी से उनका पीछा किया। पत्रकारों ने अपनी जान बचाने के लिए खेतों में छिप गए।