रथयात्रा में मानवता की मिसाल: 1500 स्वयंसेवकों ने बनाई एंबुलेंस के लिए राह, लाखों की भीड़ भी नहीं बनी बाधा

रथयात्रा में मानवता की मिसाल: 1500 स्वयंसेवकों ने बनाई एंबुलेंस के लिए राह, लाखों की भीड़ भी नहीं बनी बाधा

पुरी, ओडिशा। भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा के दौरान जहां एक ओर श्रद्धालु ‘हरि बोल’ और ‘जय जगन्नाथ’ के जयघोष में डूबे थे, वहीं दूसरी ओर एक संवेदनशील दृश्य ने सभी का ध्यान खींचा।

लाखों की भीड़ के बीच, जब एक आपात स्थिति में एंबुलेंस रथ मार्ग पर पहुंची, तो जनसेवा की एक अनुकरणीय मिसाल देखने को मिली। करीब 1500 भाजपा युवा मोर्चा के स्वयंसेवकों ने अपने कर्तव्यों से आगे बढ़ते हुए भीड़ के बीच मानव श्रृंखला बनाई और एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दिलवाया। यह दृश्य इस बात का प्रतीक बन गया कि जब जनसमर्थन और जागरूकता साथ हो, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।

यह घटना रथयात्रा के दौरान की है, जब भीड़ का अनुमान दस लाख से अधिक लगाया गया था। रथ खींचने की परंपरा के बीच, एंबुलेंस के लिए जगह बनाना आसान नहीं था, लेकिन युवाओं की तत्परता और अनुशासन ने यह असंभव कार्य संभव कर दिखाया।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी हुए शामिल

रथयात्रा में ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी शामिल हुए। दोनों ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों की रस्सियां खींचीं और जनसमुदाय के साथ धार्मिक उत्सव का आनंद लिया।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

रथयात्रा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। 10,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था और 275 AI-सक्षम CCTV कैमरों से निगरानी की जा रही थी। पहलगाम आतंकी हमले को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरती गई और केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया है।


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