रायपुरः समायोजन की मांग लेकर 14 दिंसबर से धरने पर बैठे बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों ने मु्ख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात के बाद धरना खत्म कर दिया है। बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षक पिछले 126 दिनों से तूता धरना स्थल में प्रदर्शन कर रहे थे। सहायक शिक्षकों ने बताया की उन्हें मुख्यमंत्री से सकारात्मक आश्वासन मिला है। जिस पर उन्हे भरोसा है इसलिए धरने को स्थगित कर दिया है।
सीएम साय ने शिक्षकों से आत्मीय संवाद करते हुए कहा कि आप सब हमारे परिवार के सदस्य हैं। आपकी पीड़ा हमारी पीड़ा है। आपकी समस्याओं को समझते हुए सरकार सहानुभूति के साथ इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले के समाधान के लिए शासन स्तर पर हरसंभव सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें की सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने 3 हजार सहायक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था। नौकरी बचाने सहायक शिक्षक जल स्त्याग्रह, अंबिकापुर से रायपुर पैदल यात्रा, सामुहित मुंडन,1 किलोमीटर लंबी चुनरी यात्रा समेत अलग अलग प्रकार से प्रदर्शन कर चुके हैं। सहायक शिक्षक लगभग ड़ेढ साल से नौकरी कर रहे थे, सैकड़ों लोगों ने नौकरी के भरोसे लोन ले लिया था, सगाई कर ली थी। बर्खास्त होने के बाद सभी परिवारों पर संकट आ गया है। अब सीएम से आश्वसन मिलने के बाद सहायक शिक्षक आशान्वित है।
जानिए पूरा मामला क्या है?
सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 को आदेश दिया कि B.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां केवल 11 अगस्त 2023 से पहले तक ही मान्य होंगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना के लिए D.Ed अभ्यर्थियों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की शरण ली और B.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां खारिज करने की मांग की। इस पर B.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों द्वारा भी याचिका लगाई गई। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 10 दिसंबर, 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया कि प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए डीएड उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस फैसले के बाद बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया गया। इन शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने भर्ती विज्ञापन में दोनों योग्यताओं को मान्यता दी थी, फिर अब बीएड शिक्षकों को बाहर करना अन्यायपूर्ण है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि दो सप्ताह के भीतर डी.एल.एड धारकों की नियुक्ति की जाए। इस आदेश से बी.एड शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई जिन्होंने 14 महीनों तक सेवाएं दी ।