बलरामपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ ACB अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में सरगुजा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ के तहसील कार्यालय में पटवारी महेंद्र कुजूर को 15 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
ट्रैप अधिकारियों ने बताया कि, गिरफ्तार पटवारी ने सीमांकन के लिए भू-स्वामी से 20 हजार रुपए मांगा था। बाद में सौदा 15 हजार रुपए में तय हुआ था। इसकी शिकायत के बाद ACB की टीम ने आरोपी को रंगे हाथों दबोचा है।
जानकारी के अनुसार, शंकरगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम विनायकपुर निवासी राजेश यादव ने अपनी जमीन के सीमांकन के लिए एक साल पहले आवेदन किया था। सीमांकन के लिए दोहना पटवारी हलका के पटवारी महेंद्र कुजूर ने 20 हजार रुपए की मांग की थी, जबकि दोहना पटवारी के क्षेत्र में विनायकपुर नहीं आता है। उसकी दोस्ती विनायकपुर के पटवारी से है।
बार-बार पैसे मांगे जाने और जमीन का सीमांकन नहीं होने से परेशान राजेश ने इसकी शिकायत सरगुजा एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यालय में की थी। सरगुजा ACB टीम ने रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर भ्रष्ट पटवारी के खिलाफ एक्शन लेने के लिए योजना बनाई। तहसील कार्यालय में रिश्वत लेते पकड़ा गया पटवारी पटवारी महेंद्र कुजूर ने शिकायतकर्ता राजेश यादव को रिश्वत की रकम लेकर तहसील कार्यालय शंकगरढ़ बुलाया था।
प्लान के मुताबिक, एसीबी सरगुजा की टीम टीआई शरद सिंह के नेतृत्व में शंकरगढ़ तहसील कार्यालय पहुंची। राजेश यादव ने जैसे ही रिश्वत की रकम पटवारी को सौंपी, एसीबी की टीम ने उसे धर दबोचा। पटवारी के पास से रिश्वत की रकम जब्त कर लिया गया है। ACB की टीम ने पटवारी को गिरफ्तार कर लिया है।
विनायकपुर क्षेत्र का पटवारी रिश्वत लेने के दौरान उपस्थित नहीं था, जिसके कारण वह बच गया। राजेश यादव ने बताया कि उससे सीमांकन के लिए रिश्वत की मांग महेंद्र कुजूर द्वारा ही की जा रही थी और उसकी जमीन का सीमांकन नहीं किया जा रहा था। इसमें दोनों की शामिल थे।
ACB की टीम पटवारी को लेकर शंकरगढ़ रेस्ट हाउस पहुंची, जहां आरोपी पटवारी से पूछताछ की जा रही है। पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।