उत्तरप्रदेश। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। यह बात तब सामने आई है जब कल मऊ की एमपी/एमएलए अदालत ने उन्हें नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में 2 साल की कैद की सजा सुनाई थी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता को रद्द करते हुए सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा सचिवालय ने रविवार को यह कार्रवाई की। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अब्बास अंसारी की सदस्यता समाप्त की जा चुकी है। साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी को उपचुनाव कराने का प्रस्ताव भेज दिया गया है।
अब्बास अंसारी के खिलाफ चल रहे कानूनी प्रकरणों के चलते यह बड़ा प्रशासनिक फैसला सामने आया है। यह फैसला आगामी उपचुनावों और राजनीतिक समीकरणों पर बड़ा असर डाल सकता है।
मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें और मंसूर अंसारी को 2 साल की सजा सुनाई साथ ही 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सजा के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि, अब्बास अंसारी मऊ सीजेएम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से सदर विधायक अब्बास अंसारी का आरोप है कि उनके पक्ष को पूरी तरह सुना नहीं गया।
अब्बास अंसारी को किस बयान के चलते सजा हुई :
दरअसल, साल 2022 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार करते समय अब्बास अंसारी ने कहा था कि, चुनाव के बाद सरकार बनने के बाद अधिकारियों के साथ हिसाब-किताब बराबर कर लिया जाएगा। उनके इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था।
विवादित बयान के बाद चुनाव आयोग ने अब्बास अंसारी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी थी। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सपा और सुभासपा ने गठबंधन के तहत एक साथ चुनाव लड़ा था। अब्बास अंसारी मऊ सदर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े थे और उन्हें जीत भी हासिल हुई थी। अब सुभासपा ने सपा से गठबंधन तोड़ लिया है और वह भाजपा के साथ गठबंधन कर चुकी है।