Akash Prime Defense System: भारतीय सेना की ताकत बना ‘आकाश प्राइम’, 15 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर दिखाई शक्ति, चीन-पाकिस्तान में हड़कंप

Akash Prime Defense System: भारतीय सेना की ताकत बना ‘आकाश प्राइम’, 15 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर दिखाई शक्ति, चीन-पाकिस्तान में हड़कंप

नई दिल्लीः भारतीय सेना ने बुधवार को लद्दाख सेक्टर में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्वदेशी रूप से विकसित आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया। आकाश प्राइम में स्वदेशी एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर से लैस किया गया है, जो इसे 360 डिग्री की एंगेजमेंट कैपेबिलिटी और सटीकता देता है। परीक्षण के दौरान सेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

भारतीय वायु सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दुश्मनों के विमानों को चंद मिनटों में मार गिराने में सक्षम मिसाइलें दागीं। परीक्षण के वक्त इस बात का ध्यान रखा गया कि किसी भी सूरत में अगर दुश्मन के विमान भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन करें, तो उन्हें हर परिस्थिति में मार गिराया जाए। डीआरडीओ निर्मित यह प्रणाली दुश्मन के लड़ाकू विमानों का 30 किलोमीटर पहले ही पता लगाकर उसे नीचे ला सकती है। आकाश मीडियम रेंज की हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, भारत डायनामिक्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने तैयार किया है। चीन के साथ तनाव की शुरुआत के समय से ही पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत ने स्वदेश निर्मित आकाश एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखा है। भारत की स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली 4।5 किमी से 25 किमी की दूरी तय करती है। ये 100 मीटर से 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक हवाई खतरों से निपट सकती है। यह एक कमांड गाइडेंस सिस्टम का उपयोग करता है। यह सिस्टम हेलीकॉप्टरों, लड़ाकू विमानों और मानव रहित हवाई वाहनों को निशाना बना सकता है।

आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली क्या है?

आकाश प्राइम मूल रूप से आकाश प्रणाली का एक उन्नत संस्करण है, जिसमें विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण मौसम और भूभाग में बेहतर सटीकता के लिए एक बेहतर सीकर प्रणाली है। आकाश ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्धक्षेत्र में अपनी प्रभावशीलता साबित की थी, जहां इसे पाकिस्तान से हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया था। इस प्रणाली ने पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी विमानों और तुर्की निर्मित ड्रोनों को सफलतापूर्वक मार गिराया था। आकाश वायु रक्षा प्रणाली एक मध्यम दूरी की, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसे गतिशील, अर्ध-गतिशील और स्थिर सैन्य प्रतिष्ठानों को विभिन्न हवाई खतरों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उन्नत रीयल-टाइम मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग, खतरे के मूल्यांकन और टारगेट को मार गिराने की क्षमताओं से लैस है। मौजूदा आकाश प्रणाली की तुलना में आकाश प्राइम बेहतर सटीकता के लिए एक स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर से लैस है।

आकाश प्राइम डिफेंस सिस्टम की यहां होगी तैनाती?

इस टेस्ट के बाद आकाश प्राइम को अब भारतीय सेना में शामिल किया जा सकता है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आकाश वायु रक्षा प्रणाली की तीसरी और चौथी रेजिमेंट को आकाश प्राइम संस्करण से लैस किए जाने की संभावना है। इस प्रणाली ने ड्रोन खतरों को बेअसर करने और भारत के वायु रक्षा ग्रिड की समग्र शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

देखें वीडियोः-


Related Articles