हिंदू धर्म में सोमवार और नवरात्रि के दूसरे दिन का विशेष महत्व है। सोमवार भगवान शिव को समर्पित होता है, जिन्हें शांति, शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इसी दिन नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो तप और संयम की देवी हैं। मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से भक्तों को धैर्य, संयम और सफलता प्राप्त होती है। ज्योतिषीय दृष्टि से सोमवार चंद्रमा का दिन माना जाता है। चंद्रमा मन और भावनाओं का स्वामी होता है, इसलिए इस दिन की गई साधना से मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त होती है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, उनके लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। सोमवार का व्रत रखने और शिव-पार्वती की पूजा करने से चंद्र दोष कम होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। चैत्र नवरात्रि के दौरान मां ब्रह्मचारिणी की साधना से आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है। इस दिन विशेष रूप से दूध, चीनी और पंचामृत का भोग लगाना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक व्रत और साधना करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आज की तिथि के शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशा शूल और अन्य जानकारियों को जानने के लिए पढ़ें 31 मार्च का पंचांग।
आज का पंचांग 31 मार्च 2025 (Aaj ka Panchang 31 March 2025)
- संवत – पिङ्गला विक्रम संवत 2081
- माह – चैत्र, कृष्ण पक्ष,
- तिथि – चैत्र माह शुक्ल पक्ष द्वितीया
- पर्व – नवरात्र द्वितीया
- दिवस – सोमवार
- सूर्योदय – 06:13 ए.एम सूर्यास्त – 6:39 पी.एम
- नक्षत्र – अश्वनी 01:45 पी.एम तक फिर भरणी
- चन्द्र राशि – मेष,स्वामी ग्रह-मङ्गल
- सूर्य राशि – मीन, स्वामी ग्रह-गुरु
- करण – कौलव 09:12 ए.एम तक फिर तैतिल
- योग – वैधृति 01:45 पी.एम तक फिर विष्कुम्भ
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत – 12:01 पी.एम से 12:50 पी.एम तक
- विजय मुहूर्त – 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक
- गोधुली मुहूर्त – 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक
- ब्रम्ह मुहूर्त – 4:03 ए.एम से 05:09 ए.एम तक
- अमृत काल – 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक
- निशीथ काल मुहूर्त – रात 11:43 से 12:25 तक रात
- संध्या पूजन – 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक
दिशा शूल – पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशा शूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त – राहुकाल – प्रातःकाल 7:30 बजे से 09:00 बजे तक
क्या करें – आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। आज माता ब्रम्हचारिणी रूप में माता दुर्गा की उपासना होती है। दुर्गासप्तशती का पाठ होता है। माता ब्रम्हचारिणी को समर्पित ये महान उपवास शक्ति उपासना का पुनीत अवसर है। दुर्गासप्तशती में सप्तश्लोकी दुर्गा का 09 पाठ करें। नियम पूर्वक व्रत व दान-पुण्य करना बहुत फलित होता है। शिव मंदिर परिसर में बेल, बरगद ,आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं ।सत्य मार्ग पर चलें। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। दुर्गासप्तशती का नित्य पाठ करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ अवश्य करें। माता दुर्गा के 32 व 108 नामों का जप करें। माता ब्रम्हचारिणी की पूजा नियम पूर्वक करें। नवरात्रि में श्री रामचरितमानस का संपूर्ण पाठ पूर्ण करें। मन, वचन व कर्म से भक्ति मार्ग पर चलें।
क्या न करें – किसी भी नारी का अपमान मत करें।