हिंदू धर्म में चैत्र के महीने का विशेष महत्व होता है. इस महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी. 14 मार्च से चैत्र माह प्रारंभ हो चुका है. ये महीना 12 अप्रैल तक रहेगा. चैत्र के महीने में चैत्र नवरात्रि, शीतला अष्टमी, रंग पंचमी, पापमोचिनी एकादशी जैसे कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं. चैत्र के महीने से ही हिंदुओं के नव वर्ष की शुरुआत भी हो जाती है. इस माह में माता जगदंबा, भगवान विष्णु, और माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है.
मान्यताओं के अनुसार…
चैत्र के महीने में हिंदू धर्म शास्त्रों में इस महीने में कुछ कामों को करना वर्जित माना गया है. मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह में अगर वर्जित किए गए काम किए जाते हैं, तो व्यक्ति को जीवन में कष्ट और परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस माह में किन कामों को करना और किन कामों को नहीं करना चाहिए.
चैत्र माह में क्या करें
- चैत्र महीने में सूर्यदेव की पूजा लाभकारी मानी जाती है. इस माह सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए.
- इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ उनके मछली रूप की पूजा करनी चाहिए.
- सुबह जल्दी उठकर योग और प्राणायाम करना चाहिए.
- नीम की पत्तियां चबानी चाहिए.
- चैत्र माह किसी भी नए काम की शुरुआत की जा सकती है.
क्या न करें
- चैत्र माह में तामसिक और मांसाहार भोजन नही करना चाहिए. ऐसा करने माता लक्ष्मी नाराज होती हैं.
- इस महीने में गुड़ नहीं खाना चाहिए. क्योंकि गुड़ की तासीर गर्म होती है. इससे सेहत को नुकसान हो सकता है.
- बासी भोजन का सेवन बिल्कुल नहीं नहीं करना चाहिए.
- दूध-दही के सेवन से बचना चाहिए.
- बाल और नाखून नहीं काटना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर के आर्थिक हालात खराब होते हैं.
- लड़ाई-झगड़े से दूर रहना चाहिए. पति-पत्नि को इस महीने में आपस में कोई विवाद नहीं करना चाहिए.
- किसी प्रकार का भी नशा नहीं करना चाहिए.
- चमड़े से बनी वस्तुओं का उपयोग नहींं करना चाहिए.