Nagpur Violence: औरंगजेब विवाद के बीच महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार (17 मार्च) की शाम हिंसा भड़क गई. फिलहाल, पुलिस का कहना है कि स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन माहौल कभी भी तनावपूर्ण हो सकता है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह हिंसा किसी साजिश के तहत की गई है? क्योंकि लोगों द्वारा पहले से पत्थर तैयार रखना और गाड़ियां जलाना किसी प्लान के तहत किया गया लगता है. इसको लेकर अब नागपुर पुलिस की ओर से भी बयान जारी किया गया है.
बताया जा रहा है कि सोमवार शाम करीब 7.00 बजे मुस्लिम समुदाय से कुछ लोग शिवाजी चौक पर पहुंचे और नारेबाजी करने लगे. ये लोग विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के प्रदर्शन का विरोध कर रहे थे. इसी दौरान हिंसा भड़क गई. इस घटना में डीसीपी निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हुए हैं. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, उनपर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया गया है. फिलहाल, पुलिस ने महाल में भारतीय न्याय संहिता की धारा-163 (जो आईपीसी की धारा-144 हुआ करती थी) लागू कर दी गई है.
नागपुर हिंसा मामले में DCP नागपुर अर्चित चांडक ने कहा, “यह घटना कुछ गलतफहमी के कारण हुई. स्थिति अभी नियंत्रण में है. यहां हमारा बल मजबूत है. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे बाहर न निकलें या पत्थरबाजी न करें. पत्थरबाजी हो रही थी, इसलिए हमने बल का प्रदर्शन किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया. कुछ वाहनों में आग लगा दी गई, हमने फायर ब्रिगेड को बुलाकर आग बुझाई.”
नागपुर हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल
डीसीपी ने जानकारी दी है कि कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, पथराव के दौरान उनके पैर में भी हल्की चोट आई है, लेकिन पुलिस टीम सभी से शांति बनाए रखने का आग्रह कर रही है और लगातार अपील की जा रही है कि अफवाहों पर भरोसा न करें. कानून व्यवस्था को न बिगाड़ें और पुलिस का सहयोग करें.
इतनी भीड़ कैसे आई, जांच जारी
वहीं, पुलिस कमिश्नर रविन्द्र सिंगल ने बताया, “इस घटना में कुछ लोगों को चोटें आई हैं पर कितने लोगों को यह कह पाना अभी मुश्किल है. इसमें कितनी गाड़ियों को नुकसान हुआ है, यह भी हम देख रहे हैं. क्या यह किसी साजिश के तहत हुआ है? यहां इतनी भीड़ कैसे आई, इसकी जांच की जा रही है.”