रायपुरः छत्तीसगढ़ में एक बार फिर हड़ताल का दौर शुरू होने वाला है। शासकीयकरण नहीं करने के मामले को लेकर पंचायत सचिव लामबंद हो गए हैं। प्रदेश के ग्यारह हजार पंचायत सचिव 17 मार्च यानी सोमवार को विधानसभा का घेराव करेंगे। 18 मार्च से पंचायत सचिव ब्लॉक मुख्यालय में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे और 1 अप्रैल को मंत्रालय का घेराव करेंगे।
पंचायत सचिव संघ का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। मगर डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इस पर अमल नहीं किया किया गया। प्रदेश पंचायत सचिव संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और दुर्ग जिलाध्यक्ष महेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने जन घोषणा पत्र में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को शामिल किया था, लेकिन इसे बजट में शामिल नहीं किया गया है। इसके कारण पंचायत सचिव क्षुब्ध व आक्रोशित है।
महेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रदेश कार्यकारिणी व जिलाध्यक्षों की बैठक बीतें दिनों कवर्धा में हुई थी, जिसमें सर्वसम्मति से एक बार फिर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सदस्यों ने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायत सचिवो की मांग को पूर्ण करने में विलंब कर रहे है और वर्तमान में लगातार पंचायत सचिव रिटायरमेंट व आकस्मिक निधन होने के कारण शासकीयकरण से वंचित हो रहे हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के 11 हजार पंचायत सचिव 17 मार्च रो विधानसभा का घेराव करते हुए जेलभरो आंदोलन करेंगे। 18 मार्च 2025 से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर प्रदेश के सभी जनपद पंचायत मुख्यालय के सामने अनिश्चित कालीन आंदोलन पर बैठेंगे। 31 मार्च को प्रदेश के समस्त पंचायत सचिव मंत्रालय का घेराव करेंगे।