Holika Dahan 2025 Shubh Muhurt देशभर में आज होलिका दहन का पर्व मनाया जा रहा है और अगले दिन यानी 14 मार्च को धुलेंडी यानी रंगों वाली होली खेली जाएगी. होलिका दहन हर वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, इस दिन पूरे परिवार के साथ होली माता की पूजा की जाती है और रात के समय होलिक दहन किया जाता है. होली की तैयारियां महीने भर पहले से शुरू हो जाती हैं लेकिन जल्दबाजी में पूजा की कुछ चीजें छूट जाती हैं इसलिए आप इस आर्टिकल के माध्यम से जान सकते हैं कि होली पूजा की सामग्री सही है या नहीं क्योंकि कुछ चीजों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है.
होलिका पूजा सामग्री लिस्ट
माला, रोली, फूल, साबुत हल्दी, मूंग दाल, बताशे, गुलाल, पांच प्रकार के अनाज, कच्चा सूत, एक कटोरा पानी, थाली, गुड़, चावल, नारियल, 7 गेंहू की बालियां, कपूर, धूप, अगरबत्ती, गंगाजल, गूलरी की 2 माला, सरसों का तेल, दीपक, गाय का घी.
होलिका दहन के लिए 4 गूलरी की माला अलग से रख लें. ये चार माला में पितर, हनुमानजी, शीतला माता और परिवार के नाम की होती हैं.
होलिका पूजन विधि
होलिका पूजन के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं और आसपास पानी की बूंदे छिड़क लें. इसके बाद होलिका पूजा स्थल पर जल अर्पित करें फिर रोली, हल्दी, मौली, चावलस, फल, फूल, बताशे, गुड़, गेंहू की बालियां आदि पूजा से संबंधित चीजें अर्पित कर दें. इसके बाद भगवान विष्णु और नरसिंह भगवान का नाम लेकर पांच अनाज अर्पित कर दें. फिर प्रह्लाद के नाम का अनाज, फल, फूल और बताशे अर्पित करें. इसके बाद कच्चा सूत हाथ में लेकर होलिका पर लेपटते हुए सात परिक्रमा भी करें और फिर अंत में गुलाल डालकर जल अर्पित कर दें.
होलिका पूजन के लिए शुभ मुहूर्त – सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक
होलिका दहन वाले दिन यानी आज भद्रा सुबह 10 बजकप 35 मिनट से रात 11 बजकर 26 मिनट तक रहेगी. भद्रा और राहुकाल के समय पूजा या फिर कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से परिवार पर नकारात्मक शक्ति का प्रभाव बना रहता है.
होलिका दहन मुहूर्त – रात 11 बजकर 27 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक.