रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिली है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत में 3375 पेज का चालान पेश किया है, जिसमें लखमा समेत 12 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। ED ने आरोप लगाया कि लखमा को हर महीने शराब कारोबार से बड़ी रकम का कमीशन मिलता था, जो इस घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों का हिस्सा है।
कवासी लखमा के वकील, फैजल रिजवी ने कहा कि इस मामले में पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण इसे दो साल बाद अदालत में पेश किया गया है। उनके मुताबिक, ED के पास लखमा के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं।
यह कार्यवाही केवल अनुमान और कयासों पर आधारित है। फैजल रिजवी का यह भी कहना है कि अदालत में 12 मार्च को ज्यूडिशियल रिमांड की तारीख थी, लेकिन ED ने एक दिन पहले ही चालान दाखिल कर दिया।
ED का दावा है कि लखमा को शराब घोटाले से हर महीने मोटी रकम मिलती थी, और यह घोटाला लगभग 2000 करोड़ रुपये का था। इसके अलावा 11 अन्य लोगों को भी इस चार्जशीट में नामित किया गया है, लेकिन ED ने अभी तक इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। इन सबके बावजूद कवासी लखमा के वकील का कहना है कि मामले में कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं और यह पूरी कार्रवाई केवल अनुमान पर आधारित है।