कोलकाताः अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाला है। इससे पहले सियासत गर्म हो गई है। नेताओं के बीच जमकर सियासी बयानबाजी हो रही है। इस बीच बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुस्लिम विधायकों को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है, जिसके बाद वहां की सियासत में नया जंग छिड़ गया है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद मुस्लिम विधायकों को ‘शारीरिक रूप से विधानसभा से बाहर फेंक देंगे’। अधिकारी के इस बयान के बाद टीएमसी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है और इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
सुवेंदु अधिकारी के विवादित बयान के बाद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताते हुए उनके भाषण को ‘नफरती’ बताया है। इतना ही नहीं, टीएमसी ने सुवेंदु अधिकारी की दिमागी हालत पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “किसी भी निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने साधी विधायकों के खिलाफ इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। संसद में बहस और तर्क-वितर्क हो सकते हैं, लेकिन धर्म का मुद्दा उठाकर किसी विशेष समुदाय के विधायकों को निशाना बनाना संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है।”
लोकसभा चुनाव के बाद भी दिया था ऐसा ही भाषण
यह पहली बार नहीं है जब सुवेंदु अधिकारी के बयानों से उनकी ही पार्टी में बेचैनी हुई है। 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद, अधिकारी ने पार्टी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को खत्म करने की मांग की थी। सुवेंदु ने कहा था, ‘मैं कहूंगा ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ।’ हमें अल्पसंख्यक मोर्चा की जरूरत नहीं है।’उनके इस बयान से पार्टी के कई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से खुद को अलग कर लिया था। यह बयान काफी चर्चा में रहा था। इससे पार्टी के अंदर भी मतभेद साफ दिखाई दिए थे।