Holi 2025: हिंदू धर्म में होली का त्योहार प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। देशभर में बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ होली मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को पड़ता है, लेकिन इससे एक दिन पहले रात्रि में होलिका दहन किया जाता है। जिसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। होली का महापर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार को लेकर कई अलग-अलग पौराणिक कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। रंगों का पर्व होली काम, क्रोध, मद,मोह और लोभ जैसे दोषों को त्यागकर ईश्वर की भक्ति में समय व्यतीत करने का संदेश देता है। इस दिन लोगों एक-दूसरे को अबीर-गुलाल और रंग लगाते हैं और आपस में खुशियां बांटते हैं। इस साल होलिका दहन के दिन भद्रा का साया रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्राकाल में होलिका दहन करना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं होली की सही तिथि और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त…
होली कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर होगी और अगले दिन 14 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 14 मार्च को होली मनाई जाएगी और 13 मार्च की रात्रि को होलिका दहन किया जाएगा। इस साल होलिका दहन के दिन भद्रा का भी साया रहेगा।
होलिका दहन पर भद्रा : 13 मार्च को होलिका दहन के दिन 10:35 AM से 11:26 PM तक भद्राकाल रहेगा। इस दौरान होलिका दहन करने से बचें।
होलिका दहन का मुहूर्त : पंचांग के अनुसार, 13 मार्च को देर रात 11:27 PM से लेकर 14 मार्च को 12:30 AM तक लगभग 01 घंटा 40 मिनट तक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है।