राजनांदगांव: Chhattisgarh Municipal Election Update विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह द्वारा राजनांदगांव नगर निगम महापौर पद के भाजपा प्रत्याशी मधुसूदन यादव के समर्थन में प्रचार करने को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने इसे संवैधानिक पद की गरिमा के उल्लंघन का मामला बताते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है।
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राजनांदगांव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने पर आपत्ति जताई है। पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस का तर्क है कि संवैधानिक पद पर रहते हुए किसी भी पदाधिकारी को किसी राजनीतिक दल के लिए खुलकर प्रचार नहीं करना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि रमन सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता और तीन बार के मुख्यमंत्री रहे हैं, उन्हें अपनी पद की मर्यादा का पालन करना चाहिए। उन्होंने इसे संविधान और संवैधानिक पद की गरिमा का उल्लंघन बताया।
इस पर डॉ. रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान को गहराई से पढ़ा है, जबकि उनके विरोधी केवल इसे अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि वे इस विषय की चिंता न करें। भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे अनावश्यक विवाद खड़ा कर राजनीति कर रहे हैं। इस संबंध में कानून विशेषज्ञ और पूर्व आईएएस अधिकारी सुशील त्रिवेदी का कहना है कि कोई स्पष्ट नियम नहीं है जो विधानसभा अध्यक्ष को राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकता हो। हालांकि, नैतिकता के आधार पर संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को ऐसे आयोजनों से दूर रहने की परंपरा रही है। चुनाव के समय कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाकर यह दिखाने की कोशिश की है कि भाजपा सरकार चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। इस राजनीतिक घमासान के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य निर्वाचन आयोग इस पर क्या निर्णय लेता है।