यूं तो पुलिस अपनी लेटलतीफी के लिये अक्सर सुर्खियों में रहती है लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में सोमवार को ऐसा केस सामने आया, जिससे पुलिस की तत्परता की जमकर तारीफ हो रही है. दरअसल पुलिस को सोमवार दोपहर 2:00 बजे यह सूचना मिली कि एक महिला की एक महीने की बच्ची को कोई चुरा कर ले गया है. इसके बाद पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज करते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया. साथ ही शहर में विभिन्न जगह चेकिंग अभियान चलाकर मात्र 3 घंटे में चमनगंज इलाके से बच्चा चुराने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया औऱ छोटी बच्ची को सकुशल बरामद कर उसकी मां को सौंप दिया.
जानकारी के अनुसार फरहा नाज नौबस्ता की रहने वाली हैं. वह अपनी 40 दिन की बेटी के आधार कार्ड में सुधार करवाने डाकघर आई थीं. इस दौरान बच्ची की देखभाल और फॉर्म भरने में परेशानी हो रही थी. तभी वहां मौजूद एक महिला ने मदद की पेशकश की और बच्ची को गोद में ले लिया. वहीं, फरहा जब अपना काम खत्म कर बाहर आईं, तो देखा कि वह महिला बच्ची को लेकर गायब हो चुकी थी.
पुलिस ने बच्चा चुराने वाली महिला सहित परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया
बच्चा नहीं मिलने पर फरहा रोने लगीं, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं, बच्ची के लापता होने की सूचना मिलते ही परिवार के अन्य लोग भी वहां आ गए. पुलिस ने तुरंत सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें एक महिला बच्ची को लेकर जाते हुए दिखी. उसकी तस्वीर पुलिस ग्रुप में साझा की गई, जिससे पता चला कि वह चमनगंज में रहती है. पुलिस ने चमनगंज में छापा मारकर बच्ची को बरामद कर लिया और आरोपी महिला समेत परिवार के अन्य सदस्यों को हिरासत में ले लिया.
मां की भावुक प्रतिक्रिया
बच्ची को वापस पाकर फरहा नाज भावुक हो गईं और उसे सीने से लगाकर रो पड़ीं. उन्होंने कहा कि अब मैं अपनी बेटी को किसी के हवाले नहीं करूंगी. पुलिस ने मेरी बच्ची को बचाकर बहुत बड़ा उपकार किया है. वहीं, 55 वर्षीय आरोपी अफसाना बानो ने बताया कि उसके भाई-भाभी की कोई संतान नहीं थी. ऐसे में वह उन्हें बच्चा देना चाहती थी, इसलिए अचानक यह कदम उठा लिया. उसने दावा किया कि यह पहले से सोचा-समझा नहीं था. फिलहाल पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.