CG ED Raid: भारत माला प्रोजेक्ट घोटाले में ED ने छत्तीसगढ़ के 9 ठिकानों पर छापेमारी कार्रवाई की। राजधानी रायपुर में हरमीत सिंह खनूजा के यहां ED की टीम ने दबिश दी। वहीं, महासमुंद में मेघ बसंत इलाके में स्थित व्यवसायी जसबीर सिंह बग्गा के निवास पर छापा मारा। दोनों जगहों पर सुबह से टीम कार्रवाई कर रही है।
जानकारी के अनुसार, पूरा मामला इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ा है। जमीन अधिग्रहण मुआवजे में अनियमितता मिली थी। टीम ने जमीन कारोबारी हरमीत के ठिकाने पर छापा मारा है। जमीन मालिकों से जुड़े परिसरों की जांच जारी है।
जानें क्या है मामला ?
यह मामला भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजे की राशि के निर्धारण और भुगतान में हुई गड़बड़ियों से जुड़ा हुआ है। जांच में कुछ निजी व्यक्तियों, उनके सहयोगियों, सरकारी अधिकारियों और जमीन मालिकों के ठिकानों को शामिल किया गया है।
किस-किस के ठिकानों पर कार्रवाई ?
ईडी की कार्रवाई जिन ठिकानों पर की जा रही है, उनमें शामिल हैं
- हरमीत सिंह खनूजा
- उनके कथित सहयोगी
- कुछ सरकारी अधिकारी
- भूमि अधिग्रहण से जुड़े जमीन मालिक
यह बताया जा रहा है कि मुआवजा वितरण में नियमों के उल्लंघन और संदिग्ध लेन-देन के चलते जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
भू-माफिया -अधिकारियों ने दिया घोटाले को अंजाम
भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने पुरानी तारीख पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया।
मामले में मीडिया में आने के बाद कोरबा डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया गया था। इसके पहले जगदलपुर निगम कमिश्नर निर्भय साहू को निलंबित किया गया था।
शशिकांत और निर्भय पर जांच रिपोर्ट तैयार होने के 6 महीने बाद कार्रवाई हुई थी। निर्भय कुमार साहू समेत 5 अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा राशि की गड़बड़ी का आरोप है।
जमीन को टुकड़ों में बांटा, 80 नए नाम चढ़ाए
राजस्व विभाग के मुताबिक, मुआवजा करीब 29.5 करोड़ का होता है। अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अफसरों के साथ मिलकर जमीन को छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरे में बांट दिया। मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए गए। इससे 559 मीटर जमीन की कीमत करीब 29.5 करोड़ से बढ़कर 70 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई।
अभनपुर बेल्ट में 9.38 किलोमीटर के लिए 324 करोड़ मुआवजा राशि निर्धारित की गई। जिसमें से 246 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं 78 करोड़ रुपए का भुगतान अभी रोक दिया गया है।
क्या है भारत माला प्रोजेक्ट ?
भारत माला प्रोजेक्ट, केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी सड़क योजना है, जिसके तहत लगभग 26 हजार किलोमीटर के आर्थिक कॉरिडोर विकसित किए जाने हैं। ये कॉरिडोर गोल्डन क्वाड्रिलेटरल, नॉर्थ-साउथ और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से जुड़े होंगे। देश के अधिकांश फ्रेट ट्रैफिक को इन्हीं रास्तों से ले जाने की योजना है। रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर इसी परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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