Bijapur Naxal Killing: बीजापुर जिले में नक्सली हिंसा एक बार फिर सामने आई है। जिले के एर्रापल्ली गांव में नक्सलियों ने एक आत्मसमर्पित नक्सली की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी। मृतक की पहचान पुनेम बुदरा (28), पिता जोगा के रूप में हुई है। यह वारदात पामेड़ थाना क्षेत्र की है। घटना के बाद गांव और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है।
आत्मसमर्पण के बाद गांव में रह रहा था पुनेम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुनेम बुदरा ने वर्ष 2022 में सुकमा जिले में नक्सली संगठन के सामने आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण के बाद वह पुनर्वास प्रक्रिया से जुड़ा रहा और मई–जून 2025 से अपने पैतृक गांव एर्रापल्ली में रहने लगा था। बताया जा रहा है कि नक्सलियों को उस पर मुखबिरी का शक था, इसी आशंका के चलते उसे निशाना बनाया गया।
रात में घर पहुंचे नक्सली, धारदार हथियार से हमला
शुक्रवार देर रात करीब 10 बजे दो नक्सली पुनेम बुदरा के घर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने बातचीत के बहाने घर में घुसकर पुनेम पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमला किया। गंभीर चोटों के चलते पुनेम की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात के बाद नक्सली अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल की ओर भाग निकले।
इलाके में दहशत, सर्च ऑपरेशन तेज
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और सुरक्षा बल हरकत में आ गए। पामेड़ थाने से अतिरिक्त बल घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है और पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी और अप्रिय घटना को रोका जा सके।
आत्मसमर्पित नक्सलियों की सुरक्षा पर सवाल
बस्तर क्षेत्र में आत्मसमर्पण करने वाले कई नक्सलियों को पुनर्वास केंद्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अनेक आत्मसमर्पित नक्सली अपने गांवों में लौटकर सामान्य जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं। पुनेम बुदरा की हत्या के बाद गांवों में रह रहे अन्य आत्मसमर्पित नक्सलियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता खड़ी हो गई है।
20 दिन पहले ठेकेदार की हत्या, हिंसा की कड़ी
गौरतलब है कि बीजापुर जिले में बीते 20 दिनों के भीतर यह दूसरी बड़ी नक्सली हत्या है। इससे पहले नक्सलियों ने उत्तर प्रदेश के ठेकेदार इम्तियाज अली की गला काटकर हत्या कर दी थी। ठेकेदार के मुंशी को पहले अगवा किया गया, उसे छुड़ाने पहुंचे ठेकेदार को मारकर जंगल में शव फेंक दिया गया था। यह मामला भी पामेड़ थाना क्षेत्र का ही था।
ढाई साल में भाजपा नेताओं और शिक्षादूतों पर हमले
आंकड़ों के मुताबिक, बस्तर क्षेत्र में बीते ढाई वर्षों में नक्सलियों ने भाजपा के 10 नेताओं और 10 शिक्षादूतों की हत्या की है। इनमें सबसे अधिक मामले बीजापुर जिले से सामने आए हैं, जहां अकेले 5 भाजपा नेताओं को निशाना बनाया गया। दंतेवाड़ा, मोहला-मानपुर और नारायणपुर में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं।
बीजापुर पहुंचने पर यह खौफ साफ दिखाई देता है। दिन में राजनीतिक गतिविधियां चलती हैं, लेकिन शाम होते ही नेता और कार्यकर्ता सुरक्षित ठिकानों की ओर लौट जाते हैं। यह घटना बताती है कि नक्सली हिंसा भले कमजोर पड़ी हो, लेकिन खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
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