भारतीय रेलवे के लेवल क्रॉसिंग खत्म करने के अभियान के तहत रायपुर रेल मंडल ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मंडल के बैकुंठ-सिल्यारी और निपनिया यार्ड सहित 7 रेलवे फाटकों को अब स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
इन फाटकों के बंद होने से जहां सड़क जाम और हादसों से राहत मिलेगी, वहीं यात्री और मालगाड़ियों की रफ्तार में भी बड़ा इजाफा होगा।
50 किमी प्रति घंटे बढ़ जाएगी रफ्तार
फाटकों के बंद होने के बाद रायपुर रेल मंडल में ट्रेनों की औसत रफ्तार में करीब 50 किमी/घंटा की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। यात्रियों को अब न फाटक पर इंतजार करना पड़ेगा और न ही ट्रेनों को आउटर पर खड़ा होना पड़ेगा। रेलवे के इस कदम से सफर ज्यादा तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद होगा।
स्पीड अपडेट: इन रूट्स पर अब सुपरफास्ट सफर
फाटकों के पूरी तरह बंद होने के बाद रेलवे ने कई रूट्स पर ट्रेनों की अधिकतम गति बढ़ा दी है।
- मंदिर हसौद–अभनपुर: 80 किमी/घंटा से बढ़ाकर 110 किमी/घंटा
- दल्लीराजहरा–ताड़ोकी: अब ट्रेनें 110 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी
- नया रायपुर: लूप लाइनों पर स्पीड बढ़ाकर 30 किमी/घंटा कर दी गई है
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इससे ट्रेनों के ठहराव का समय घटेगा और सफर पहले से ज्यादा तेज और सुगम होगा।
कुल 7 फाटक बंद, जाम और हादसों से स्थायी राहत
हालिया फैसले के बाद रायपुर रेल मंडल में अब इन इलाकों से फाटकों का पूरी तरह से हटा दिया गया है।
- बैकुंठ–सिल्यारी
- निपनिया यार्ड
- निपनिया–भाटापारा खंड
- हथबंद–तिल्दा नेवरा सेक्शन
- दुर्ग–मरोदा सेक्शन
- सिकोसा यात्री हॉल्ट
- मांढर–उरकुरा सेक्शन
70 किमी लंबी ‘सुरक्षा दीवार’ से सुरक्षित होगा ट्रैक
तेज रफ्तार ट्रेनों को देखते हुए रेलवे ने सुरक्षा इंतजाम भी मजबूत किए हैं।
- सेफ्टी फेंसिंग: मरोदा और आरएसडी यार्ड समेत प्रमुख सेक्शनों में 69.821 किमी लंबी सुरक्षा बाड़ लगाई जा चुकी है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड: सिल्यारी–मांढर और बिलासपुर–दाधापारा के बीच पुराने पुलों को हटाकर आधुनिक पीएससी गार्डर लगाए गए हैं।
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