वाहन चेकिंग के दौरान फर्जी BSF जवान गिरफ्तार, कार पर पुलिस लिखकर चला रहा था गाड़ी, फर्जी आईकार्ड भी दिखाए

वाहन चेकिंग के दौरान फर्जी BSF जवान गिरफ्तार, कार पर पुलिस लिखकर चला रहा था गाड़ी, फर्जी आईकार्ड भी दिखाए

दुर्ग पुलिस ने एक फर्जी BSF जवान को पकड़ा है। आरोपी सिमरनजीत सिंह (31 साल) पंजाब का रहने वाला है। वह दुर्ग में किराए के मकान से रह रहा था। उसने अपना खुद का फर्जी पहचान पत्र बनवाया है और अपनी कार में पुलिस लिखवाया है।

मामला मोहन नगर क्षेत्र का है। 20 दिसंबर को ग्रीन चौक पर वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने फर्जी BSF को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से बीएसएफ का फर्जी पहचान पत्र भी मिला है।

आरोपी एक सफेद रंग की डिजायर कार में घूम रहा था, जिसके सामने अंग्रेजी में पुलिस लिखा हुआ था। वह खुद का बीएसएफ का जवान बताता था। पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

कार को रुकवाया और वाहन की चेकिंग की

मोहन नगर थाने में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक अपनी पेट्रोलिंग टीम के साथ ग्रीन चौक दुर्ग में आने-जाने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान पेट्रोलिंग स्टाफ ने सिंधिया नगर दुर्ग की ओर से आ रही डिजायर कार (क्रमांक CG 07 CR 9095) को रोककर जांच की।

पंजाब का रहने वाला है आरोपी

वाहन चालक से नाम-पता पूछने पर उसने अपना नाम सिमरनजीत सिंह (31 साल) निवासी सुंदरनगर मीराकोट चौक एयरपोर्ट रोड, थाना कम्बोज, जिला अमृतसर (पंजाब) बताया। वर्तमान में वह सिंधिया नगर स्थित सेंगर हाउस, दुर्ग में किराये के मकान में रहना बता रहा था।

आरोपी ने खुद को बीएसएफ में पदस्थ होना बताया और पुलिस को एक बीएसएफ का आईडी कार्ड दिखाया। आरोपी वाहन चालक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

मामले की सूचना संबंधित मजिस्ट्रेट को भेज दी गई है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि आरोपी कब से फर्जी पहचान के सहारे घूम रहा था और कहीं उसने किसी अन्य वारदात को अंजाम तो नहीं दिया है।

कड़ाई से पूछताछ में उगला सच

पुलिस को आईडी कार्ड पर संदेह होने पर जब आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह गोलमोल जवाब देने लगा। जांच में पाया गया कि उसके पास मौजूद बीएसएफ पहचान पत्र फर्जी है। साथ ही जिस डिजायर कार में वह घूम रहा था, वह अमरजीत कौर के नाम पर पंजीकृत है।

पुलिस के अनुसार आरोपी द्वारा लोक सेवक का प्रतिरूपण कर स्वयं को लोक सेवक के रूप में प्रस्तुत किया गया तथा कूटरचित दस्तावेज का उपयोग किया गया। यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 204 एवं 319(2) के अंतर्गत अपराध पाया गया। इसके बाद आरोपी को हिरासत में लेकर थाना मोहन नगर लाया गया।

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