CG Assembly Winter Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर 2025 से शुरू हो गया है. यह सत्र कई मायनों में खास है, क्योंकि राज्य गठन के 25 वर्षों में यह पहला मौका है जब विधानसभा की कार्यवाही रविवार को शुरू हुई. सत्र के पहले दिन सरकार ने छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट 2047 सदन के पटल पर रखा, जबकि विपक्ष ने इसका बहिष्कार किया. वहीं, सत्ता पक्ष के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने भी विज़न डॉक्यूमेंट पर सवाल खड़े कर दिए.
14 दिसंबर से शुरू हुआ यह शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर तक चलेगा. सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विजन डॉक्यूमेंट 2047 प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह दस्तावेज केवल दीर्घकालीन नहीं, बल्कि लघु और मध्यकालीन लक्ष्यों पर भी आधारित है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की जीडीपी लगभग 5 लाख 67 हजार करोड़ रुपये है, और विजन 2047 के तहत इसे 74 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार की आर्थिक उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यूपीए शासनकाल में भारत की अर्थव्यवस्था 10वें स्थान पर थी, जबकि आज भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है.
विधायक अजय चंद्राकर ने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए
सत्र के दौरान कुरुद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि विज़न डॉक्यूमेंट में महिला सुरक्षा, रोजगार और कानून-व्यवस्था को लेकर कोई ठोस योजना नहीं दिखाई देती. उन्होंने समावेशी विकास पर जोर दिया.
विधायक धर्मजीत सिंह ने दिल्ली में नक्सली कमांडर हिडमा के समर्थन में नारे लगाने वालों को बस्तर लाकर ज़मीनी हकीकत दिखाने की मांग की. वहीं, विधायकों राजेश मुन्नत, लता उसेंडी और सुनील सोनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप छत्तीसगढ़ के विकास की बात कही.
अजय चंद्राकर के वक्तव्य पर विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है और यदि कहीं कोई विसंगति रह गई है तो उसे शामिल किया जाएगा.
मामले में संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ का यह रजत जयंती वर्ष है और ऐसे महत्वपूर्ण अवसर पर विपक्ष का सदन में न होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में खामियां हो सकती हैं, लेकिन सरकार सकारात्मक सोच के साथ छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
हालांकि, इस विशेष सत्र में प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और अन्य नियमित कार्यसूची शामिल नहीं की गई, जिससे नाराज़ होकर विपक्ष ने बहिष्कार किया. विपक्ष का कहना है कि सरकार को पहले 2028 तक मिले जनादेश और किए गए वादों को पूरा करना चाहिए.
कांग्रेस मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने विज़न डॉक्यूमेंट 2047 को सरकार का “नया शिगूफा” बताते हुए कहा कि यह जनता को गुमराह करने की कोशिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी गारंटी के वादे पूरे नहीं किए गए और जनहितकारी योजनाएं बंद कर दी गई हैं.
एक तरफ सरकार विजन 2047 के जरिए छत्तीसगढ़ के भविष्य की तस्वीर पेश कर रही है, वहीं विपक्ष मौजूदा मुद्दों को लेकर सवाल उठा रहा है. अब देखना होगा कि यह विशेष सत्र राज्य के भविष्य के लिए कितनी ठोस दिशा तय कर पाता है.

