Bhilai Steel Plant: दुर्ग जिले में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र में ढाई साल पहले हुए दर्दनाक औद्योगिक हादसे के मामले में पुलिस ने आखिरकार बड़ी कार्रवाई की है। भिलाई भट्ठी थाना पुलिस ने इस मामले में बीएसपी के दो अधिकारियों और एक ठेकेदार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। यह कार्रवाई लंबे समय से चल रही जांच के बाद की गई है, जिसमें हादसे के पीछे गंभीर लापरवाही सामने आई।
कहां और कैसे हुआ था हादसा
भिलाई भट्ठी थाना प्रभारी राजेश साहू ने बताया कि यह हादसा 25 अप्रैल 2023 को बीएसपी के एसएमएस-02 (SMS-02) कंटीन्युअस कास्टिंग शॉप में हुआ था।
उस दिन कास्टर नंबर-6 में इक्यूपमेंट कूलिंग पाइप लाइन बदलने का कार्य चल रहा था। पाइप शिफ्टिंग के दौरान वहां मौजूद ज्वलनशील पदार्थ में अचानक आग लग गई, जिससे काम कर रहे ठेका श्रमिक उसकी चपेट में आ गए।
चार श्रमिक झुलसे, एक की गई जान
हादसे के समय मौके पर मौजूद राजू तांडी, रमेश मौर्य, अमित सिंह और रंजित सिंह गंभीर रूप से झुलस गए थे। सभी को तत्काल इलाज के लिए सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान रंजित सिंह की हालत बिगड़ती चली गई और अंततः उसकी मौत हो गई। इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार का सहारा छीन लिया, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए थे।
जांच में उजागर हुई गंभीर लापरवाही
- काम के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया
- आवश्यक फायर सेफ्टी और सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं थे
- बीएसपी प्रबंधन और संबंधित ठेका कंपनी दोनों ने लापरवाही बरती
पुलिस के अनुसार, यदि सुरक्षा नियमों का सही ढंग से पालन किया गया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
इन तीन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
- सुशांता कुमार घोषाल, उम्र 56 वर्ष,
मुख्य महाप्रबंधक, बीएसपी एसएमएस-02,
निवासी क्वार्टर नंबर बीकेडी-21 - धीरेन्द्र कुमार कुशवाहा, उम्र 30 वर्ष,
शिफ्ट इंचार्ज यांत्रिकी, सेक्टर-09,
निवासी सेक्टर-08 - अभय कुमार, उम्र 57 वर्ष,
ठेकेदार, मारूति कंस्ट्रक्शन कंपनी,
निवासी विद्या विहार, थाना सुपेला
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