Bilaspur News : बिलासपुर में मस्तूरी के सरगवां ग्राम के 16 श्रमिकों को झारखंड के एक ईंट भट्ठे से छुड़ा लिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर श्रम विभाग की टीम ने की। ठेकेदार पर श्रमिकों को बंधक बनाकर जबरन काम कराने का आरोप था।
बंधक बनाए गए श्रमिकों ने शिकायत की थी कि उन्हें ईंट भट्ठे में अमानवीय परिस्थितियों में काम कराया जा रहा है। महिलाओं से छेड़छाड़ और पुरुष श्रमिकों के साथ मारपीट भी की जा रही थी। यह जानकारी कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचाई गई थी।
जनदर्शन में मिली थी शिकायत
9 दिसंबर को साप्ताहिक जनदर्शन में ग्राम सरगवां, मस्तूरी निवासी अमित कुमार मधुकर ने कलेक्टर संजय अग्रवाल को आवेदन देकर बताया था कि उनके गांव के 16 श्रमिक, जिनमें महिलाएं, पुरुष और दो बच्चे शामिल हैं, झारखंड के सिमडेगा जिले में एक ईंट भट्ठे में बंधक बनाए गए हैं।
ठेकेदार को नोटिस जारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने तुरंत श्रम विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। श्रम विभाग ने शिकायत के आधार पर संबंधित लेबर ठेकेदार नीलकंठ अंबेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग आने वाले दिनों में श्रम न्यायालय में अभियोजन की कार्रवाई शुरू करेगा।
इसके साथ ही, बिलासपुर जिला प्रशासन ने सिमडेगा (झारखंड) जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
प्रशासनिक कार्रवाई के परिणामस्वरूप, 10 दिसंबर की सुबह सभी बंधक श्रमिक- महिलाएं, पुरुष और बच्चे सकुशल अपने गृह ग्राम सरगवां, तहसील मस्तूरी वापस लाए गए। श्रमिकों ने सुरक्षित घर वापसी के लिए कलेक्टर, श्रम विभाग और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया है।
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