Bilaspur Train Accident Update: बिलासपुर ट्रेन हादसे में बड़ी कार्रवाई, सीनियर DOP मसूद आलम पद से हटाए गए, CRS की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद एक्शन

Bilaspur Train Accident Update: बिलासपुर ट्रेन हादसे में बड़ी कार्रवाई, सीनियर DOP मसूद आलम पद से हटाए गए, CRS की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद एक्शन

Bilaspur Train Accident Update: बिलासपुर जिले में गतौरा–लालखदान रेलखंड के बीच चार नवंबर 2024 को हुए भीषण रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था। गेवरारोड–बिलासपुर मेमू (MEMU) खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिसके बाद मेमू का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया था। इस दर्दनाक घटना में मेमू चालक समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से रेलवे प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे थे। अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।

रेलवे ने सीनियर DOP मसूद आलम को पद से हटा दिया है। हादसे के बाद उन्हें फोर्स लीव पर भेजा गया था, लेकिन CRS की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आने के बाद अब वे पूरी तरह पद से हटा दिए गए हैं। उनकी जगह शशांक कोष्टा को नया सीनियर DOP नियुक्त किया गया है।

CRS रिपोर्ट में साफ: तकनीकी खराबी नहीं, ऑपरेशन में गंभीर त्रुटि

CRS की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा किसी मशीन या सिग्नल की खराबी से नहीं हुआ, बल्कि सीधे तौर पर Error in Train Operation यानी संचालन में बड़ी गलती की वजह से हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि मेमू ट्रेन को जिस लोको पायलट को चलाने की अनुमति दी गई थी, उसने साइकोलॉजिकल टेस्ट पास नहीं किया था।

रेलवे में सुरक्षा संचालन के लिए साइको टेस्ट अत्यंत जरूरी माना जाता है। यह टेस्ट यह सुनिश्चित करता है कि लोको पायलट दबाव, खतरे, अचानक स्थितियों और सुरक्षा संकेतों पर तुरंत और सही प्रतिक्रिया दे सके। लेकिन जिस लोको पायलट विद्या सागर को मेमू चलाने दिया गया, वह इस टेस्ट में अयोग्य पाया गया था।

रिपोर्ट ने खोली लापरवाही की परतें

रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 22 नवंबर 2024 को हुए CLI ग्रेडिंग में भी लोको पायलट सुरक्षा नियमों, करेक्शन स्लिप्स और ऑपरेटिंग स्टैंडर्ड्स की समझ में असफल पाया गया था। इसके बावजूद उच्च अधिकारियों ने उसे ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी। यही कारण था कि ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी की जानकारी होने के बावजूद मेमू उसे टक्कर मार बैठी।

जांच में यह भी पाया गया कि ऑपरेशन विभाग ने ट्रेन मूवमेंट के नियमों का सही पालन नहीं किया और लोको पायलट को पर्याप्त जानकारी व निर्देश नहीं दिए गए। इसे “गंभीर प्रशासनिक चूक” बताया गया है।

रेलवे ने शुरू की आगे की कार्रवाई

रेल प्रशासन ने कहा है कि यह सिर्फ पहली कार्रवाई है। जांच रिपोर्ट की पूरी समीक्षा के बाद और भी अधिकारी निशाने पर आ सकते हैं। सुरक्षा मानकों से समझौता करने वालों पर विभाग सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है।

हादसे में जान गंवाने वाले परिवारों ने भी इस रिपोर्ट के बाद न्याय की उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

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