Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एग्रीस्टैक पोर्टल पर रेजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 दिसंबर 2025 कर दी है। अब किसान अपने खेत का रकबा, उगाई जा रही फसल और अन्य आवश्यक जानकारी इस नई तिथि तक पोर्टल पर भर सकेंगे। कृषि विकास एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को नए निर्देश जारी कर दिए हैं।
मंत्री के निर्देश पर लिया गया निर्णय
कृषि मंत्री रामविचार नेताम को जब पंजीयन प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों की जानकारी मिली, तो उन्होंने विभाग को तुरंत समीक्षा कर समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। मंत्री के निर्देश के बाद महानदी भवन मंत्रालय से जारी पत्र में तहसीलदारों, सहकारी समितियों और कृषि विभाग के नोडल अधिकारियों को तकनीकी समस्याओं का जल्द समाधान करने को कहा गया है। इसके साथ ही खाद्य विभाग, राजस्व विभाग, कृषि संचालनालय और एनआईसी के बीच बेहतर तालमेल बनाकर सभी तकनीकी कार्य सही समय पर पूरा करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
तकनीकी दिक्कतों पर मिली कई शिकायतें
विभाग के अनुसार, प्रदेश के कई जिलों से यह शिकायतें मिल रही थीं कि एकीकृत किसान पोर्टल पर कुछ किसानों के खसरा नंबरों में फसल संबंधी जानकारी दिखाई नहीं दे रही है। इतना ही नहीं, गलत जानकारी सुधारने का विकल्प भी उपलब्ध नहीं था। कई स्थानों पर यह समस्या भी सामने आई कि पंजीकृत किसानों के निधन के बाद उनके वारिसों का नाम दर्ज करने के लिए ‘वारिसान पंजीयन’ का विकल्प उपलब्ध नहीं था। इसी तरह कुछ गांवों के खसरे एग्रीस्टैक पोर्टल पर अपलोड नहीं होने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही थी।
समाधान के लिए जारी हुए विस्तृत दिशा-निर्देश
इन सभी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कृषि विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों को तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि किसानों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाना पड़े। राजस्व और खाद्य विभाग के सहयोग से खसरा नंबर, फसल प्रविष्टि और अन्य डेटा को अपडेट करने का काम तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
तिथि बढ़ने से किसानों को बड़ा फायदा
सरकार का मानना है कि पंजीयन की तिथि बढ़ने से उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी जो तकनीकी गड़बड़ियों, डुबान क्षेत्र, वन अधिकार पट्टा संबंधी कारणों या अन्य समस्याओं की वजह से पंजीयन करवा नहीं पाए थे। अब पूरे राज्य में किसान बिना किसी बाधा के निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। विभाग का उद्देश्य यह है कि हर किसान का डेटा सही तरीके से पोर्टल पर दर्ज हो जाए, जिससे भविष्य में कृषि योजनाओं का लाभ उन्हें समय पर मिल सके।

