रायपुर, 09 दिसंबर 2025 | छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज कर दिया है। फेडरेशन की राज्यभर में बैठकों का सिलसिला लगातार जारी है, ताकि 29 से 31 दिसंबर तक प्रस्तावित निश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल को सफल बनाया जा सके। फेडरेशन का कहना है कि सरकार बार-बार पत्राचार और आंदोलन के बावजूद मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जिससे प्रदेश भर के कर्मचारी और अधिकारी बेहद नाराज और आक्रोशित हैं।
मांगों की अनदेखी से कर्मचारियों में नाराजगी
फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा, प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी और जी. आर. चंद्रा द्वारा संयुक्त वक्तव्य जारी कर बताया गया कि कर्मचारियों की मांगें नई नहीं हैं, बल्कि लंबे समय से “मोदी की गारंटी” के तहत किए गए वादों को लागू करने की मांग की जा रही है। कई बार शासन-प्रशासन से चर्चा और पत्राचार किए जाने के बावजूद अब तक ठोस निर्णय नहीं हो सका है। फेडरेशन का कहना है कि कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ इस तरह की अनदेखी से उनमें असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है और यही कारण है कि आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रालय में सचिव स्तर पर हुई महत्वपूर्ण बैठक
फेडरेशन ने बताया कि मुख्य सचिव के निर्देश पर हाल ही में मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग और वित्त विभाग के सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने 11 सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा की और कई बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट की। हालांकि बैठक सकारात्मक रही, लेकिन अभी तक किसी भी मांग पर निर्णायक कार्यवाही न होने की वजह से फेडरेशन ने आंदोलन को जारी रखने की घोषणा की है। फेडरेशन का कहना है कि जब तक ठोस और लिखित समाधान नहीं मिलता, आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
तीन दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान
फेडरेशन की प्रांतीय कोर कमेटी की 19 नवंबर 2025 को हुई बैठक में 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिवसीय निश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल करने का सामूहिक निर्णय लिया गया। इसके बाद से ही राज्यभर में जिला एवं ब्लॉक स्तर पर बैठकें तेज़ी से आयोजित की जा रही हैं। हर जिले में बड़े पैमाने पर कर्मचारी और अधिकारी शामिल होकर आंदोलन की रणनीति मजबूत कर रहे हैं। फेडरेशन का दावा है कि इस बार हड़ताल ऐतिहासिक रूप से सफल होगी और राज्य के सभी विभागों से भारी भागीदारी देखी जाएगी।
संभाग स्तरीय बैठकों में बनेगी अंतिम रणनीति
फेडरेशन ने घोषणा की है कि आंदोलन की अंतिम रणनीति संभाग स्तरीय बैठकों में तय की जाएगी। इसके लिए सभी संभागों में बैठकों का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है।
निर्धारित कार्यक्रम इस प्रकार है:
- दुर्ग संभाग – 13 दिसंबर | स्थान – दुर्ग
- बिलासपुर संभाग – 18 दिसंबर | स्थान – बिलासपुर
- सरगुजा संभाग – 19 दिसंबर | स्थान – सूरजपुर
- रायपुर संभाग – 20 दिसंबर | स्थान – रायपुर
- बस्तर संभाग – 21 दिसंबर | स्थान – दंतेवाड़ा
इन बैठकों में फेडरेशन से संबद्ध सभी प्रांत अध्यक्ष, महामंत्री, संभागीय पदाधिकारी, जिला संयोजक और महासचिव उपस्थिति रहेंगे। बैठकों में हड़ताल के दौरान की जिम्मेदारियां, रणनीति और कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
फेडरेशन की प्रमुख 11 सूत्रीय मांगें
फेडरेशन ने जिन मुद्दों को लेकर आंदोलन छेड़ा है, उनमें कर्मचारियों के हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं:
- केंद्र के समान कर्मचारियों और पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।
- DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में जमा की जाए।
- सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान प्रदान किया जाए।
- लिपिक, शिक्षक, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास आदि विभागों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
- प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए पूर्ण सेवा लाभ दिया जाए तथा पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
- सहायक शिक्षकों और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए, साथ ही नगरीय निकाय कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन और समयबद्ध पदोन्नति मिले।
- अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत की सीमा में शिथिलीकरण किया जाए।
- प्रदेश में कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू हो।
- अर्जित अवकाश नगदीकरण सीमा को 300 दिवस तक बढ़ाया जाए।
- दैनिक वेतनभोगी, अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बनाई जाए।
- सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए।

