Maharahtra News: भारत में एक प्रचलित कहावत है- एक अनार और सौ बीमार. महाराष्ट्र में यह बात पूरी तरह से सच साबित हुई है. प्रदेश के कई जिलों में इस साल कुछ ऐसा हुआ जिससे ग्रामीण और पुलिस दोनों हैरान हैं. आमतौर पर सब्ज़ी, मोटर या ट्रैक्टर चोरी होने की खबरें तो मिलती रहती हैं, लेकिन पहली बार बड़े पैमाने पर अनार के चोरी होने के मामले सामने आए हैं. पके हुए प्रीमियम क्वालिटी के भगवा अनार (Bhagwa pomegranate) रातों-रात बागों से गायब हो गए, और किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.
पुणे जिले के शिरूर तालुका के शिंदोड़ी गांव में रहने वाले 50 वर्षीय किसान शहाजी वालुंज के अनुसार, गांव में आज तक कोई बड़ी चोरी नहीं हुई थी. गांव चारों ओर चिंचोली बांध के पानी से घिरा होने के कारण किसान बेहद निश्चिंत रहते थे. वालुंज बताते हैं कि वे अपनी ट्रैक्टर तक को लॉक नहीं करते थे, लेकिन जुलाई में एक रात उनकी तीन एकड़ में लगी फसल से 4.5 टन बेहतरीन गुणवत्ता के अनार चोरी हो गए. सुबह जब वे खेत पहुंचे, तो पेड़ों पर सिर्फ छोटे आकार के अनार बचे थे और बड़े आकार वाले सभी अनार गायब थे. यह घटना अकेली नहीं थी. जुलाई और अगस्त के महीनों में पुणे, सोलापुर, नासिक और अहिल्यानगर जिलों में बड़े पैमाने पर इसी तरह के चोरी के मामले सामने आए, जिनमें एक बार में दो-दो टन से अधिक अनार ले जाए गए. पुलिस और किसानों की राय है कि इस चोरी के पीछे बड़ी वजह अनार के दामों में भारी बढ़ोतरी है.
अनार की बढ़ती कीमत
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, वालुंज के परिवार के अनुमान के अनुसार, अनार की कीमत इस साल थोक में ₹200 किलो और खुदरा में ₹300 किलो तक पहुंच गई थी. एफआईआर में चोरी का मूल्य ₹4.5 लाख दर्ज किया गया है, लेकिन परिवार का दावा है कि ये अनार ₹9 लाख तक का भाव दिलवा सकते थे. कई वजहों से अनार की मांग बढ़ी जिससे दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए. इसका असर यह हुआ कि चोरों ने भी आसान मुनाफा कमाने के लिए बागों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. वालुंज के भतीजे ऋषिकेश का कहना है कि जिन्होंने चोरी की उन्हें पता था कि कौन से अनार तोड़ने हैं. 150 ग्राम वाले अनार और 350 ग्राम से बड़े अनार की कीमत में बहुत फर्क होता है. चोरों ने सिर्फ बड़े अनार ही चुने, इससे साफ है कि वे बाजार को समझते हैं.
