सलीम अली जयंती पर पाटन के चीचा वेटलैंड में बर्ड वॉक, 40 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देख रोमांचित हुए प्रतिभागी

सलीम अली जयंती पर पाटन के चीचा वेटलैंड में बर्ड वॉक, 40 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देख रोमांचित हुए प्रतिभागी

पाटन। प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी डॉ. सलीम अली की जन्म जयंती के अवसर पर मंगलवार को पाटन के चीचा वेटलैंड में बर्ड वॉक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी, फोटोग्राफर, शोधार्थी और प्रकृति प्रेमी युवा शामिल हुए।

भारत के पहले पक्षी वैज्ञानिक को दी गई श्रद्धांजलि

12 नवंबर 1896 को जन्मे डॉ. सलीम अली भारत के पहले ऐसे पक्षी वैज्ञानिक थे, जिन्होंने देशभर में व्यवस्थित रूप से पक्षियों का सर्वेक्षण किया। वे एक प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षणवादी और प्रकृतिवादी भी थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में पक्षियों पर कई महत्वपूर्ण किताबें और लेख लिखे, जिससे भारत में ऑर्निथोलॉजी (पक्षी विज्ञान) को नई पहचान मिली।

वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर राजू वर्मा के नेतृत्व में हुआ आयोजन

पक्षी संरक्षण और जैव विविधता को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस बर्ड वॉक का आयोजन वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर राजू वर्मा के नेतृत्व में किया गया। राजू वर्मा ने प्रतिभागियों को विभिन्न पक्षी प्रजातियों की पहचान, उनके आवास, प्रवास मार्ग और संरक्षण के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे प्रत्येक पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

40 से अधिक प्रजातियों की हुई पहचान, दिखे प्रवासी पक्षी

कार्यक्रम के दौरान लगभग 40 प्रजातियों के पक्षियों की उपस्थिति दर्ज की गई। इनमें कुछ प्रवासी पक्षी भी शामिल थे जैसे –
गढ़वाल गार्गने, वुड सैंडपाइपर और कॉमन सैंडपाइपर। इन दुर्लभ प्रवासी पक्षियों को देखकर प्रतिभागी उत्साहित हो उठे।

पानी में तैरते घोंसले ने खींचा ध्यान, रोमांचित हुए युवा

चीचा तालाब के आसपास प्रतिभागियों ने ओपन बिल स्टोर्क, ब्लैक हेडेड आइबिस, करमोरेंट और हैरन जैसे पक्षियों के घोंसले देखे।
सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहे ग्रे हेडेड स्वम्फर्न के पानी में तैरते घोंसले और बया विवर के लटकते बसेरे।
यह पक्षी पानी के किनारे घनी वनस्पतियों के बीच पौधों की सामग्री से गोलाकार प्याले जैसे घोंसले बनाते हैं जो पानी की सतह पर तैरते रहते हैं।

पक्षी प्रेमियों ने साझा किए अनुभव

बर्ड वॉक में शामिल भागवत टावरी, एस. बाला शेखर, सनी ध्रुव, आशा मनहर, नोहर देवांगन, ओमप्रकाश, अंकिता केरकेट्टा, शिवम सिंह, गीतांजली, कोमल, सौरभ और भावेश जैसे पक्षी प्रेमियों ने आयोजन को यादगार बताया। सभी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं में पक्षी संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

पर्यावरण जागरूकता की दिशा में प्रेरक कदम

चीचा वेटलैंड का यह बर्ड वॉक न सिर्फ सलीम अली की जयंती को समर्पित रहा, बल्कि इसने लोगों को यह संदेश भी दिया कि पक्षियों की रक्षा ही प्रकृति की रक्षा है। इस आयोजन ने स्थानीय युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति नई सोच और प्रेरणा दी है।

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