रायपुर, 09 नवंबर 2025 | छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के तत्वावधान में रविवार को राजधानी रायपुर में दीपावली मिलन एवं पदाधिकारी सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेशभर के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कार्यक्रम में फेडरेशन की 11 सूत्रीय मांगों पर विस्तृत चर्चा की गई और सर्वसम्मति से निश्चितकालीन आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। आंदोलन की रूपरेखा तय करने की जिम्मेदारी फेडरेशन की कोर कमेटी को सौंपी गई है।
11 सूत्रीय प्रमुख मांगें
- केंद्र सरकार के समान राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।
- DA एरियर की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
- सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
- लिपिक, शिक्षक, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए और पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
- प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए तथा पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
- सहायक शिक्षक और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण किया जाए।
- प्रदेश के कर्मचारियों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा दी जाए।
- अर्जित अवकाश का नगदीकरण 300 दिवस किया जाए।
- दैनिक, अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बनाई जाए।
- सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए।
पेंशनर्स की समस्याओं पर चर्चा
फेडरेशन पेंशनर्स फोरम के प्रदेश संयोजक बी.पी. शर्मा ने पेंशनरों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स के लिए कैशलेस सुविधा और धारा 49(6) के स्थायी समाधान के लिए केंद्र सरकार को ठोस पहल करनी चाहिए। साथ ही 80 वर्ष की आयु पार करने वाले पेंशनरों के वेतन निर्धारण के निर्णय की जानकारी भी दी।
संघर्ष और एकता पर जोर
प्रदेश संयोजक कमल वर्मा ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि फेडरेशन ने हमेशा कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा — “कर्मचारियों को अपने सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट रहना होगा। फेडरेशन की ताकत उसकी एकता में है।”
प्रांतीय संरक्षक सुभाष मिश्रा ने कहा कि विभिन्न संगठनों का एक मंच पर आना समय की मांग है। उन्होंने फेडरेशन के प्रति कर्मचारियों के विश्वास की सराहना की और कहा कि यह संगठन अब राज्यव्यापी एकता का प्रतीक बन चुका है।
आंदोलन की रूपरेखा जल्द तय होगी
फेडरेशन ने स्पष्ट किया कि यदि शासन ने इन मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो संगठन निश्चितकालीन आंदोलन प्रारंभ करेगा। आंदोलन की अंतिम रणनीति तय करने के लिए जल्द ही कोर कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पदाधिकारी हुए शामिल
चंद्रशेखर तिवारी, राजेश चटर्जी, सतीश मिश्रा, अनिल शुक्ला, रोहित तिवारी, आर.के. रिछारिया, ओ.पी. शर्मा, पंकज पांडेय, पवन शर्मा, संजय सिंह, जी.आर. चंद्रा, लिखेश वर्मा, राकेश शर्मा, कैलाश चौहान, केदार जैन, मनीष मिश्रा, चेतन भारती, प्रदीप वर्मा, डॉ. अशोक पटेल, भूपेंद्र पांडे, रविंद्र राठौर, अजीत दुबे, सत्येंद्र देवांगन, आलोक नागपुरे, टारजन गुप्ता, गजेंद्र श्रीवास्तव, विजय झा, जय कुमार साहू, डॉ. आर.एस. सिंह, बी.पी. सोनी, योगेश चावरे, फकीरा यादव, अवधराम वर्मा, आलोक मिश्रा सहित अनेक जिला संयोजक उपस्थित रहे।

