रायपुर। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन यह काम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के संभावित दौरे के बाद ही रफ्तार पकड़ेगा। फिलहाल वित्त विभाग ने सभी विभागों से पूछा है कि शीतकालीन सत्र तक कितनी राशि व्यय हो जाएगी और कितनी शेष रहेगी।
अधिकारियों के अनुसार, अब तक विभागों ने सिर्फ वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में किए गए व्यय का ब्योरा भेजा है। राजस्व प्राप्तियों पर सचिव स्तरीय समीक्षा बैठकें होने वाली हैं। वित्त विभाग ने सभी विभागों को 14 नवंबर तक अपने बजट प्रस्ताव और व्यय रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मंत्रियों और अफसरों के बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्त होने की वजह से इसमें विलंब हो रहा है।
अगले चरण की टाइमलाइन
- 1 से 17 दिसंबर: सचिव व विभागीय स्तर पर बजट चर्चा।
- 2 जनवरी तक: वित्त मंत्री के बजट भाषण की सामग्री तैयार।
- 5 से 16 जनवरी: मंत्री स्तरीय चर्चा।
- 16 जनवरी: वित्त विभाग बकाया गारंटियों की रिपोर्ट लेगा।
- 31 मार्च: सभी विभागों को चालू बजट का वित्तीय लेखाजोखा जमा करना होगा।
वित्तीय अनुशासन पर सवाल
वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी यदि बजट राशि व्यय न करने पर अधिकारी से जवाब-तलब की व्यवस्था हो, तो इससे वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही दोनों में सुधार होगा। फिलहाल छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे कई योजनाओं की राशि सालभर में खर्च नहीं हो पाती।
