CG Naxal Surrender : छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। जानकारी के अनुसार, नक्सलियों की केंद्रीय समिति (CC) के सदस्य रामधेर ने अपने 50 साथियों के साथ महला कैंप में आत्मसमर्पण कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, सभी नक्सलियों पर कुल मिलाकर लगभग 50 लाख रुपए का इनाम घोषित था। यह सामूहिक आत्मसमर्पण सुबह से ही सुरक्षा बलों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है और पखांजूर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित महला कैंप में हलचल तेज हो गई है।
संगठन पर था रामधेर का मजबूत प्रभाव
रामधेर उत्तर बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय था और संगठन में उसकी गहरी पकड़ थी। बताया जा रहा है कि उसने नक्सल विचारधारा को त्यागते हुए मुख्यधारा में लौटने का निर्णय स्वयं लिया और अपने 50 साथियों को भी साथ लेकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की। सुरक्षा एजेंसियां इस आत्मसमर्पण को नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी रणनीतिक सफलता मान रही हैं।
बस्तर में आत्मसमर्पण की श्रृंखला जारी
इससे पहले 17 अक्टूबर को बस्तर पुलिस लाइन ग्राउंड में 210 नक्सलियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण किया था। उस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव ने मौजूद रहकर आत्मसमर्पित नक्सलियों का स्वागत किया था। इस ऐतिहासिक आयोजन में आत्मसमर्पित माओवादियों को संविधान की प्रति और फूल देकर मुख्यधारा में स्वागत किया गया था।
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वरिष्ठ नक्सली नेताओं ने भी छोड़ा हथियार
पिछले आत्मसमर्पण कार्यक्रम में केंद्रीय समिति सदस्य रूपेश उर्फ सतीश, भास्कर उर्फ राजमन मंडावी, रनिता, राजू सलाम, धन्नू वेट्टी उर्फ संतू और क्षेत्रीय समिति सदस्य रतन एलम जैसे कुख्यात माओवादी नेताओं ने भी हथियार डाल दिए थे। उन्होंने कुल 153 हथियार सुरक्षा बलों को सौंपे थे, जिनमें 19 AK-47, 17 SLR, 23 INSAS, 1 LMG, 36 .303 राइफलें, 4 कार्बाइन और 11 बैरल ग्रेनेड लॉन्चर शामिल थे।
अब तीसरी कड़ी में रामधेर का सरेंडर
सोनू उर्फ भूपति और रूपेश के आत्मसमर्पण के बाद अब तीसरी बड़ी कड़ी के रूप में रामधेर का नाम जुड़ गया है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि बस्तर और उत्तर बस्तर में लगातार हो रहे आत्मसमर्पण से नक्सल संगठन की जमीनी पकड़ कमजोर हो रही है। इस कदम से न केवल नक्सल गतिविधियों में कमी आएगी बल्कि क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।
