Dhanteras Business 2025 : धनतेरस का पर्व इस साल छत्तीसगढ़ के बाजारों में धनवर्षा लेकर आया। शनिवार को राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में सुबह से देर रात तक ग्राहकों की भारी भीड़ रही। खरीदारी का ऐसा उत्साह देखने को मिला कि कई जगहों पर दुकानों के बाहर लंबी कतारें लग गईं। कारोबारियों के मुताबिक इस बार धनतेरस पर प्रदेश में करीब चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कुल कारोबार हुआ है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में 1200 करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री
धनतेरस पर सबसे ज्यादा रौनक ऑटोमोबाइल सेक्टर में देखने को मिली। एक ही दिन में प्रदेशभर में करीब 50 हजार वाहन बिके, जिनमें से 40 हजार दुपहिया और 6 हजार चारपहिया वाहन शामिल हैं। कारों की कमी के कारण सिर्फ 50% डिलीवरी ही हो पाई, बाकी गाड़ियों की डिलीवरी रविवार या सोमवार तक दी जाएगी। फाडा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष विवेक गर्ग के मुताबिक, इस बार जीएसटी दरों में राहत और आकर्षक ऑफर्स की वजह से वाहन बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। अकेले इस सेक्टर में 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हुआ है।
सोने-चांदी में हुआ हजार करोड़ का कारोबार
धनतेरस पर सराफा बाजार में भी खूब चमक रही। सोने-चांदी की ऊंची कीमतों के बावजूद लोगों ने जमकर निवेश किया। सोना 1.32 लाख रुपए प्रति तोला और चांदी 1.69 लाख रुपए किलो के भाव पर बिकी। हालांकि महंगाई के कारण लोगों ने अपने बजट के हिसाब से ही खरीदारी की- पहले जहां लोग दो तोला सोना खरीदते थे, अब एक तोला या उससे भी कम लिया। फिर भी, सराफा कारोबारियों के अनुसार पूरे प्रदेश में लगभग 1000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। चांदी के सिक्के, अष्टलक्ष्मी लोटा, लक्ष्मी-गणेश मूर्ति और कुबेर यंत्रों की जबरदस्त मांग रही।
इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल्स में 600 करोड़ की बिक्री
इस बार धनतेरस पर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भी जबरदस्त बूम रहा। ग्राहकों ने एसी, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, कंप्यूटर और मोबाइल फोन की जमकर खरीदारी की। मालवीय रोड व्यापारी संघ के राजेश वासवानी ने बताया कि जीएसटी घटने और नई स्कीम्स की वजह से लोगों ने महंगे एलईडी टीवी और स्मार्टफोन खूब खरीदे। ग्रामीण इलाकों में भी इस बार महंगे मोबाइल की डिमांड बढ़ी है। राज्यभर में इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल सेक्टर में 600 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है।
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रीयल एस्टेट में मंदी, फिर भी सौ करोड़ का कारोबार
जहां बाकी सेक्टरों में रौनक रही, वहीं रीयल एस्टेट सेक्टर इस बार थोड़ी मंदी का शिकार रहा। बिल्डरों के अनुसार, इस साल घरों और प्लॉट की बिक्री में गिरावट आई है। फिर भी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा जैसे शहरों में करीब 200 करोड़ रुपए तक का कारोबार हुआ है। निवेशक फिलहाल सोने-चांदी को ज्यादा सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।
अन्य बाजारों में भी चांदी सी चमक
धनतेरस पर बर्तन, फर्नीचर, कपड़ा, मिठाई और गिफ्ट आइटम्स की दुकानों में भी दिनभर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। इन सेक्टरों को मिलाकर करीब 600 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है।रात के समय जब ग्राहक फुर्सत से खरीदारी करने निकले, तब बाजारों में रौनक चरम पर थी। रायपुर से लेकर अंबिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर और दुर्ग तक हर शहर का बाजार जगमगा उठा।
ग्राहकों ने तोड़ा पिछले साल का रिकॉर्ड
इस बार धनतेरस दो दिनों में मनाई जा रही है- शनिवार और रविवार। ऐसे में कारोबारियों का अनुमान है कि रविवार दोपहर तक कुल कारोबार चार हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर जाएगा। बीते वर्ष की तुलना में इस बार लगभग 20% ज्यादा खरीदारी हुई है। कारोबारियों का मानना है कि बढ़ती अर्थव्यवस्था और लोगों की खरीद क्षमता ने बाजारों में नई जान फूंक दी है।