Raipur Jail News: रायपुर सेंट्रल जेल सुरक्षा में बड़ी चूक, कैदियों के वीडियो वायरल होने के बाद सहायक जेल अधीक्षक सस्पेंड

Raipur Jail News: रायपुर सेंट्रल जेल सुरक्षा में बड़ी चूक, कैदियों के वीडियो वायरल होने के बाद सहायक जेल अधीक्षक सस्पेंड

रायपुर की सेंट्रल जेल एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। इस बार मामला सुरक्षा में गंभीर चूक का है, जिसने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालों की बौछार कर दी है। जेल के भीतर से कैदियों का जिम करते और सेल्फी लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सहायक जेल अधीक्षक संदीप कुमार कश्यप को निलंबित कर दिया है।

वायरल वीडियो ने खोली सुरक्षा व्यवस्था की पोल

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह वीडियो जेल में बंद एनडीपीएस आरोपी मोहम्मद रशीद अली उर्फ राजा बैझड़ का है, जो बैरक के भीतर आराम से जिम करता और मोबाइल से सेल्फी लेता नजर आ रहा है। यह वीडियो 13 से 15 अक्टूबर 2025 के बीच का बताया जा रहा है। वायरल होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। वीडियो से यह साफ जाहिर हुआ कि जेल के भीतर न केवल मोबाइल बल्कि इंटरनेट का भी खुला उपयोग हो रहा है, जो सुरक्षा तंत्र की सीधी विफलता मानी जा रही है।

राजा बैझड़ की जेल में ‘राजशाही’

जांच में सामने आया है कि राजा बैझड़ पिछले तीन महीनों से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है और उसका लंबा आपराधिक इतिहास है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, उस पर हत्या, आर्म्स एक्ट, धमकी, मारपीट और नशा तस्करी जैसे 10 से अधिक गंभीर अपराध दर्ज हैं। अब उसके जेल के अंदर से सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने से यह भी स्पष्ट हो गया है कि वह जेल के भीतर भी अपने दबदबे को कायम रखने में जुटा है।

कैदियों को मिल रही मोबाइल और सुविधाएं

सूत्रों के मुताबिक, राजा बैझड़ न केवल जेल में मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था, बल्कि उसने वीडियो कॉल के जरिए बाहरी दुनिया से संपर्क भी किया। आशंका जताई जा रही है कि जेल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से उसे ये सुविधाएं मिल रही थीं। यह एक बेहद गंभीर मामला है, क्योंकि यह दर्शाता है कि जेल के अंदर से ही अपराधियों को अपराध जारी रखने का अवसर मिल रहा है।

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सहायक जेल अधीक्षक संदीप कश्यप निलंबित

जेल में इस लापरवाही का सीधा खामियाजा सहायक जेल अधीक्षक संदीप कुमार कश्यप को भुगतना पड़ा है। जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं मुख्यालय द्वारा जारी निलंबन आदेश में उल्लेख है कि संदीप कश्यप को 19 जुलाई 2025 को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरती। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय नवा रायपुर रहेगा और उन्हें नियमानुसार निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने जेल प्रशासन पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अगर जेल में कैदियों को मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा मिल रही है, तो यह सीधे-सीधे सुरक्षा तंत्र की नाकामी है।” उनके बयान के बाद सरकार पर दबाव और बढ़ गया, जिसके चलते कार्रवाई की रफ्तार तेज हुई।

पहले भी विवादों में रही रायपुर सेंट्रल जेल

यह पहली बार नहीं है जब रायपुर सेंट्रल जेल इस तरह के विवाद में घिरी हो। इससे पहले झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव की जेल से फोटोशूट वायरल हुआ था। अमन साव को बाद में झारखंड पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। उस समय भी जेल प्रशासन पर मिलीभगत और सुरक्षा में चूक के गंभीर आरोप लगे थे।

समाप्ति की ओर या नई शुरुआत?

इस पूरे घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की जेल सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यह एक चेतावनी है कि यदि जेलों के भीतर से ही अपराधियों को नेटवर्क चलाने का मौका मिलता रहेगा, तो सुधार की उम्मीद बेमानी साबित होगी। हालांकि संदीप कश्यप के निलंबन से यह संदेश जरूर गया है कि लापरवाही पर अब सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति लागू हो रही है।


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