Sai Cabinet Latest News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें धान खरीदी को लेकर कई फैसले लिए गए है। इस बार 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी की जाएगी। राज्य के 25 लाख से अधिक किसानों से 3100 प्रति क्विंटल की दर से खरीदी होगी। इसके अलावा, किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान की खरीदी होगी। खरीदी में पारदर्शिता और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने के लिए किसानों को उनकी राशि 6 से 7 दिनों के अंदर दी जाएगी। इससे पहले, 2024-25 के तहत 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। राज्य में कुल 25.49 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचा था। जिसके लिए 31 हजार 89 करोड़ का भुगतान हुआ। इस बार प्रदेश में 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की संभावना जताई जा रही है।
धान खरीदी अवधि: खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में 15 नवम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी होगी।
खरीदी दर और सीमा: राज्य के 25 लाख से अधिक किसानों से ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी। 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तक खरीदी की जाएगी।
पंजीयन और पारदर्शिता: इस साल ई-केवाईसी आधारित पंजीयन अनिवार्य। किसानों का पंजीयन भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के एग्रीस्टेक पोर्टल में किया जाएगा। पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 निर्धारित।
डिजिटल क्रॉप सर्वे: 23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का डिजिटल क्रॉप सर्वे पूरा। 20,000 ग्रामों में 2 अक्टूबर से डिजिटल सर्वे और मैनुअल गिरदावरी के डेटा का ग्रामसभा में पठन-पाठन जारी।
टोकन प्रणाली: किसानों के लिए ‘टोकन तुंहर हाथ’ मोबाइल ऐप से ऑनलाइन टोकन की सुविधा। किसान अपनी सुविधा अनुसार दिन चुनकर टोकन प्राप्त कर सकेंगे। सोसायटियों में लंबी कतारों से मिलेगी राहत।
धान खरीदी की पारदर्शिता: बायोमैट्रिक सिस्टम से धान खरीदी की जाएगी ताकि केवल वास्तविक किसानों से खरीद हो। किसानों को भुगतान 6 से 7 दिनों के भीतर किया जाएगा।
खरीदी केंद्र व्यवस्था: 2739 खरीदी केंद्रों के माध्यम से धान खरीदी। हर केंद्र पर समुचित प्रशासनिक व्यवस्था के निर्देश। कलेक्टर केंद्र प्रभारी के रूप में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे।
प्रोत्साहन राशि: समितियों को खरीफ वर्ष 2025-26 में शून्य सुखत (क्षति रहित धान) लाने पर ₹5 प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि।
बारदाना व्यवस्था: धान खरीदी के लिए नए और पुराने जूट बारदानों की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
केंद्रीय पूल के लिए लक्ष्य: केंद्र सरकार ने 73 लाख मीट्रिक टन चावल लक्ष्य निर्धारित किया।
रिसाइक्लिंग और मॉनिटरिंग: धान की रिसाइक्लिंग रोकने के लिए मार्कफेड कार्यालय में “इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर” स्थापित होगा। जिलों में भी कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।
सीमावर्ती जिलों में निगरानी: पड़ोसी राज्यों से धान की अवैध आवक रोकने के लिए विशेष चेकिंग दल गठित करने के निर्देश।
परिवहन और मितव्ययता: धान के उठाव, परिवहन और भौतिक सत्यापन में मितव्ययता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।