त्योहारों का मौसम शुरू होते ही लंबी दूरी की ट्रेनों में सीटों के लिए जबरदस्त मारामारी शुरू हो गई है। दीपावली और छठ पूजा के लिए घर लौटने वाले यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलना बेहद मुश्किल हो गया है। रेलवे की अधिकांश ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, मुंबई और हावड़ा रूट की ट्रेनें पूरी तरह से पैक हो चुकी हैं।
नो-रूम स्थिति ने बढ़ाई परेशानी
रेलवे सूत्रों के अनुसार 10 नवंबर से 30 नवंबर तक के लिए बुकिंग पहले ही फुल हो चुकी है। यात्री वेटिंग लिस्ट में फंसे हैं और नो-रूम की स्थिति ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। ट्रेनों का समय भी लगातार गड़बड़ा रहा है और कई बार अचानक ट्रेनों को रद्द भी कर दिया जाता है।
कौन सी ट्रेनें सबसे ज्यादा भरी हुईं?
त्योहारी सीजन में सबसे ज्यादा दबाव सारनाथ एक्सप्रेस, दुर्ग-नौतनवा एक्सप्रेस, गीतांजली एक्सप्रेस, मुंबई-हावड़ा मेल, आजाद हिंद एक्सप्रेस और अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस पर है।
- सारनाथ एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में 25 सितंबर से 24 अक्टूबर तक नो-रूम है।
- दुर्ग-नौतनवा एक्सप्रेस में 17, 22 और 24 अक्टूबर को सीट उपलब्ध नहीं है।
- गीतांजली एक्सप्रेस में 28 सितंबर से 28 अक्टूबर तक भारी वेटिंग चल रही है।
- मुंबई-हावड़ा मेल और आजाद हिंद एक्सप्रेस के स्लीपर व एसी कोच में सितंबर-अक्टूबर के कई दिन पूरी तरह पैक हैं।
- अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस में भी अक्टूबर के अंत तक नो-रूम की स्थिति बनी हुई है।
त्योहारों पर यात्रियों की बढ़ती मारामारी
रेलवे के अनुसार, दशहरा, दीपावली और छठ पूजा के दौरान सबसे अधिक भीड़ देखी जाती है। इन अवसरों पर प्रवासी मजदूर, छात्र और कामकाजी लोग अपने गृह नगरों की ओर लौटते हैं। यही वजह है कि रेल टिकटों की मांग अचानक कई गुना बढ़ जाती है।
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रेलवे की चुनौतियां और यात्रियों की उम्मीदें
त्योहारी सीजन में रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था करना और ट्रैफिक को संभालना है। यात्रियों को उम्मीद है कि जल्द ही रेलवे दिवाली और छठ के मद्देनजर विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा करेगा। फिलहाल यात्रियों को ऑनलाइन बुकिंग में घंटों कोशिश के बाद भी वेटिंग लिस्ट का सामना करना पड़ रहा है।
कब और कैसे मिलेगी राहत?
हालांकि रेलवे अगर मांग के अनुसार अतिरिक्त ट्रेनें और कोच बढ़ा दे तो यात्रियों को कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन मौजूदा हालात में स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है। जो यात्री दिवाली और छठ पर घर जाने का मन बना रहे हैं, उन्हें अभी से वैकल्पिक यात्रा साधनों जैसे हवाई यात्रा या बस सेवा पर भी नजर रखनी होगी।