CG News: मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार शाम आतंकवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला किया। यह हमला नांबोल सबल लीकाई इलाके में हुआ। अचानक हुई गोलीबारी में एक वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए, जिनमें छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बालेंगा गांव निवासी रंजीत कुमार कश्यप भी शामिल हैं।
पिछले महीने छुट्टी पर घर आए थे रंजीत
गांववालों और परिजनों के मुताबिक, रंजीत बचपन से ही देश की सेवा करने का सपना देखते थे। उनका सपना था कि फोर्स ज्वाइन कर देश की रक्षा करें। पिछले महीने वह एक महीने की छुट्टी पर गांव आए थे और अपने माता-पिता तथा परिवार के साथ समय बिताया था। लौटते समय उन्होंने साथियों से कहा था कि सेवा के सिर्फ तीन साल बाकी हैं और इसके बाद वे गांव लौटकर बुजुर्ग माता-पिता का सहारा बनेंगे।
परिवार और गांव में गहरा शोक
रंजीत की शहादत की खबर मिलते ही बालेंगा गांव में मातम छा गया। ग्रामीणों का कहना है कि रंजीत हमेशा मदद के लिए आगे रहते थे। उनके परिवार में तीन छोटी बेटियां हैं और उनकी बहन की शादी भी एक बीएसएफ (BSF) जवान से हुई है। परिजन गर्व से कहते हैं कि रंजीत ने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर पूरे गांव का नाम रोशन किया है।
अन्य जवान भी घायल
इस हमले में रंजीत के अलावा एक ऑफिसर और अन्य जवान भी शहीद हुए हैं। वहीं, पांच जवान घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें से तीन गंभीर हालत में हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुरक्षा एजेंसियां इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं ताकि हमलावरों का पता लगाया जा सके।
रंजीत की शहादत से जहां गांव शोक में डूबा है, वहीं लोगों में गर्व की भावना भी है। ग्रामीण कहते हैं कि भले ही उन्होंने अपना बेटा खो दिया है, लेकिन देश के लिए दिया गया यह बलिदान हमेशा याद किया जाएगा।