Chhattisgarh News: बस्तर की उड़ान, प्रदेश की तरक्की का प्रतीक…

Chhattisgarh News:  बस्तर की उड़ान, प्रदेश की तरक्की का प्रतीक…

Chhattisgarh News: जगदलपुर / छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्थित जगदलपुर एयरपोर्ट, जिसे अब माँ दंतेश्वरी हवाई अड्डा के नाम से जाना जाता है, प्रदेश की प्रगति और कनेक्टिविटी का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है। ऐतिहासिक दृष्टि से इस एयरपोर्ट का निर्माण वर्ष 1939 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध के समय “जहाज भाटा” के रूप में किया गया था। दशकों तक यह हवाई पट्टी केवल सीमित उपयोग में रही, लेकिन अब यह राज्य और देशभर के यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण हवाई केंद्र बन चुका है।

आदिवासी अंचल को मिली एक नई पहचान

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्षों में जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई, उद्योग और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निरंतर प्रगति हुई है, वहीं हवाई सेवाओं का भी व्यापक विस्तार हुआ है। विशेष रूप से बस्तर जैसे दूरस्थ और आदिवासी अंचलों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में यह एयरपोर्ट मील का पत्थर साबित हुआ है। वर्ष 2017 में उड़ान योजना के तहत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के तहत इस हवाई अड्डे के पुनर्विकास का कार्य शुरू किया गया और 2019 में इसे 3C श्रेणी में अपग्रेड किया गया, जिससे ATR-72 जैसे विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ़ संभव हो पाई।

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इन मार्गों को जोड़ेगी ये एयरपोर्ट

Chhattisgarh News: सितंबर 2020 में एलायंस एयर ने हैदराबाद और रायपुर के लिए नियमित उड़ान सेवाएं शुरू कीं, जिससे पहली बार जगदलपुर को नियमित वाणिज्यिक उड़ानों से जोड़ा गया। इसके बाद एलायंस एयर ने दिल्ली, जबलपुर और बिलासपुर को भी जोड़ते हुए सप्ताह में दो दिन इन मार्गों पर उड़ानें शुरू कीं। वहीं, मार्च 2024 में इंडिगो ने हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर मार्ग पर दैनिक उड़ान सेवा प्रारंभ की, जिससे यात्रियों को अधिक विकल्प और सुविधा मिली। इसके अलावा इंडिगो का विशेष विमान पैरा मिलिटरी फ़ोर्स के लिए सप्ताह में एक दिन दिल्ली के लिए रवाना होता है।

Chhattisgarh News: आज जगदलपुर एयरपोर्ट से अब तक 3 लाख से अधिक यात्री उड़ान भर चुके हैं, जो इसकी लोकप्रियता और उपयोगिता को दर्शाता है। इस हवाई अड्डे ने न केवल स्थानीय जनजातीय इलाकों को राजधानी और अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ा है, बल्कि पर्यटन, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी नई संभावनाएं खोली हैं। बस्तर, सरगुजा और अन्य जनजातीय अंचलों की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन स्थलों को राष्ट्रीय पहचान मिलने लगी है। रायपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर जैसे शहरों के साथ-साथ अब बस्तर भी हवाई नेटवर्क से मजबूती से जुड़ गया है।
माँ दंतेश्वरी हवाई अड्डा, केवल एक यात्री सुविधा केंद्र नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों में विकास और समावेशी कनेक्टिविटी का प्रतीक बन चुका है। यह एयरपोर्ट बस्तर के नवनिर्माण की उड़ान है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक प्रगति का पथ प्रदर्शक रहेगा।


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