CG News: कॉलेज और यूनिवर्सिटी की लगातार गड़बड़ी से छात्र हो रहे परेशान , दो साल से लोकपाल है बेअसर…

CG News:  कॉलेज और यूनिवर्सिटी की लगातार गड़बड़ी से छात्र हो रहे परेशान , दो साल से लोकपाल है बेअसर…

CG News: दुर्ग / छत्तीसगढ़ के दुर्ग संभाग के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों को नामांकन, परीक्षा आवेदन, मूल्यांकन प्रक्रिया, मार्कशीट वितरण जैसी तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन शिकायतों के निवारण के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की गाइडलाइन के तहत तीन साल की अवधि के लिए लोकपाल नियुक्त किए गए हैं, जिनका काम छात्रों की समस्याओं को सुनकर 30 दिनों के भीतर उनका समाधान करना है। लेकिन यह व्यवस्था पूरी तरह से विफल होती नजर आ रही है। बीते दो वर्षों में दुर्ग संभाग के किसी भी विश्वविद्यालय में एक भी मामला लोकपाल के पास नहीं पहुंचा है, जबकि छात्रों की समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं और कई बार विश्वविद्यालयों में इसके खिलाफ प्रदर्शन भी हो चुके हैं।

लोकपाल तक नहीं पहुंच रही छात्रों की समस्याएं

CG News: स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU), हेमचंद यादव विश्वविद्यालय और कामधेनु विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में छात्र लगातार शिकायतें लेकर पहुंचते हैं, लेकिन इन मामलों को औपचारिक रूप से लोकपाल तक नहीं भेजा जा रहा। विश्वविद्यालय प्रशासन प्रदर्शनों के दबाव में ही मामलों को सुलझाने की कोशिश कर रहा है, जिससे लोकपाल की भूमिका लगभग नगण्य हो गई है। CSVTU के कुलसचिव डॉ. अंकित अरोरा ने स्वीकार किया कि छात्रों की शिकायतें लोकपाल तक नहीं पहुंच रहीं और इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि एक समस्या समाधान पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जो जल्द ही लाइव किया जाएगा। लोकपाल की नियुक्ति का मकसद छात्रों को कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन से होने वाले अन्याय या भेदभाव से राहत दिलाना था। रैगिंग, फीस बढ़ोतरी, दाखिले में गड़बड़ी, फीस या प्रमाण पत्र वापस न करना, उत्पीड़न, परीक्षा संचालन में अनियमितता, छात्रवृत्ति में भ्रष्टाचार, आरक्षण नियमों का उल्लंघन जैसी शिकायतों का निपटारा लोकपाल के माध्यम से किया जाना था। इसके लिए एक वेब पोर्टल भी प्रस्तावित था, लेकिन अब तक इसकी कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं की गई है।

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कॉलेज और विश्विद्यालय तक ही सीमित है छात्रों की शिकायतें

CG News: दुर्ग जिले के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों में दो वर्षों से लोकपाल नियुक्त हैं CSVTU में एनआईटी रायपुर के पूर्व प्राध्यापक डॉ. आरपी पाठक, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में डॉ. मिताश्री मित्रा और कामधेनु विश्वविद्यालय में डॉ. एके अग्रवाल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन तीनों संस्थानों में ही पिछले एक वर्ष में दो दर्जन से अधिक बार छात्र प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन न तो छात्रों ने लोकपाल से संपर्क किया और न ही विश्वविद्यालयों ने औपचारिक रूप से मामलों को लोकपाल को भेजा।
इस प्रकार जिस व्यवस्था को छात्रों के हित में लागू किया गया था, वह जागरूकता की कमी, तकनीकी संसाधनों के अभाव और प्रशासनिक उदासीनता के कारण प्रभावहीन होती जा रही है। अगर समय रहते इस दिशा में गंभीर पहल नहीं की गई, तो छात्र हितों की रक्षा के लिए बनाई गई यह व्यवस्था केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगी।


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