CG News: छत्तीसगढ़ / बस्तर दशहरा 2025 की भव्य तैयारियों की शुरुआत पारंपरिक डेरी गड़ाई की रस्म से की गई। इस शुभ अवसर पर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक किरण देव, महापौर संजय पांडे, बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, कलेक्टर हरिस एस., जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन सहित अनेक जनप्रतिनिधि, परंपरागत पदाधिकारी मांझी-चालकी, नाइक पाइक, मेंबर बरिन और स्थानीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। यह रस्म बस्तर दशहरे के रथ निर्माण की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है।
छत्तीसगढ़ का गौरव है 72 दिनों वाला दशहरा
CG News: इस दौरान बिरिंगपाल गांव से लाई गई साल वृक्ष की पवित्र टहनियों को सिरहासार में खंभों के साथ विधिविधानपूर्वक गाड़ा गया। मंत्रोच्चार, पारंपरिक वाद्य यंत्रों और रीति-रिवाजों के बीच सम्पन्न यह प्रक्रिया बस्तर की सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक है। रथ निर्माण का यह कार्य अब झाड़ उमरगांव और बेड़ा उमरगांव के संवरा जाति के पारंपरिक कारीगरों को सौंपा गया है, जो अपनी विरासत में मिली पारंपरिक तकनीकों और औजारों से, बिना आधुनिक यंत्रों की सहायता के रथ का निर्माण करेंगे। यह कार्य बस्तर की शिल्प परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाए रखने का अद्वितीय उदाहरण है।
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विदेशी सैलानी भी आते हैं इस दशहरे में शामिल होने
CG News: कार्यक्रम में महिलाओं ने भी उत्सव में भाग लेते हुए हल्दी खेलने की परंपरा को निभाया। उन्होंने एक-दूसरे पर हल्दी छिड़ककर उत्सव की खुशी साझा की और सामाजिक समरसता व सांस्कृतिक उत्साह का संदेश दिया। यह परंपरा बस्तर दशहरे के उत्सव को और भी रंगीन एवं भावनात्मक बनाती है।
गौरतलब है कि दशहरा पर्व के दौरान मां दंतेश्वरी की भव्य शोभायात्रा इसी रथ पर सवार होकर निकलेगी। रथ परिक्रमा इस पर्व का केंद्रीय आकर्षण होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं और देश-विदेश से आए पर्यटक भी इस अद्वितीय सांस्कृतिक परंपरा के साक्षी बनते हैं।