India Rasiya News: नई दिल्ली / भारत के लिए रूसी कच्चा तेल अब और भी सस्ता हो गया है, क्योंकि अमेरिका ने नई दिल्ली पर रूस के साथ तेल व्यापार में कटौती करने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि रूस, यूक्रेन में चल रहे युद्ध के लिए तेल से प्राप्त राजस्व का उपयोग कर रहा है। इसके बावजूद, भारतीय रिफाइनरियाँ रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, रूस के प्रमुख कच्चे तेल यूराल क्रूड की कीमत अब अन्तर्राष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड के मुकाबले 3 से 4 डॉलर प्रति बैरल तक कम हो गई है। यह छूट उन कार्गो पर लागू होगी जो सितंबर के अंत और अक्टूबर के महीने में लोड किए जाएंगे। यह जानकारी उन व्यापारियों द्वारा दी गई है जो इन सौदों में शामिल हैं, लेकिन संवेदनशीलता के कारण उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर यह बयान दिया।
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पहले की तुलना में अब 3 – 4 डॉलर की मिलेगी छुट
India Rasiya News: सूत्रों का कहना है कि हाल ही में यूराल की छूट में इज़ाफा देखा गया है। जहाँ जुलाई में यह छूट लगभग 1 डॉलर प्रति बैरल थी, वहीं पिछले हफ्ते यह बढ़कर 2.50 डॉलर हो गई और अब यह 3 से 4 डॉलर के बीच पहुंच गई है। दूसरी ओर कुछ भारतीय रिफाइनरियों ने हाल में जो अमेरिकी कच्चा तेल खरीदा, उसकी कीमत ब्रेंट की तुलना में लगभग 3 डॉलर अधिक रही।
रूस के यूराल क्रूड की आपूर्ति मुख्य रूप से देश के पश्चिमी बंदरगाहों से होती है। 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद, भारत रूस से समुद्री मार्ग के जरिए तेल आयात करने वाला सबसे बड़ा ग्राहक बन गया है।
अमेरिका बना रहा भारत पर लगातार दबाव
India Rasiya News: भले ही अमेरिका भारत के रूस से तेल खरीदने पर आलोचना कर रहा है और आर्थिक दबाव भी बना रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से मास्को के साथ मजबूत संबंधों की सराहना की है। इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर व्यापारिक टैरिफ लगाए हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
विश्लेषकों का मानना है कि भारत के लिए यह स्थिति आर्थिक दृष्टिकोण से लाभकारी है, क्योंकि उसे अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की तुलना में कच्चा तेल सस्ते दाम पर मिल रहा है। वहीं अमेरिका की यह चिंता बनी हुई है कि भारत की यह खरीद रूस को युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहायता पहुँचा रही है।