नई दिल्लीः ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी कर फंसे मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री कुंवर विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने शाह द्वारा सार्वजनिक रूप से मांगी गई माफी को निष्ठाहीन बताते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक माफी न मांगने पर शाह अदालत के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं और उनका आचरण उनकी मंशा व ईमानदारी पर संदेह पैदा करता है। एक मंत्री द्वारा सैन्य अधिकारी के सम्मान के खिलाफ बोले गए शब्द बेहद गंभीर हैं और उनके इस आचरण से न्यायपालिका की प्रक्रिया पर भी प्रभाव पड़ता है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि मंत्री का व्यवहार अदालत को उनकी मंशा पर संदेह पैदा करने के लिए मजबूर कर रहा है। सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को मध्यप्रदेश के मंत्री के खिलाफ 13 अगस्त तक जांच पूरी करने और न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। शाह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के। परमेश्वर ने कहा कि उनके मुवक्किल ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है जो ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध है और इसे अदालत के रिकॉर्ड में रखा जाएगा। पीठ ने मंत्री द्वारा दिए गए बयानों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को 13 अगस्त तक रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में बयानों की पड़ताल कर रहे जांच दल ने 87 लोगों से पूछताछ की है। पीठ ने कांग्रेस की नेता जया ठाकुर द्वारा शाह के इस्तीफे के अनुरोध वाली याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि रिट याचिका में पिछले मामलों के बारे में लगाए गए कुछ आरोपों पर तीन सदस्यीय एसआईटी गौर करेगी। न्यायालय ने सुनवाई 18 अगस्त के लिए स्थगित कर दी। उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एसआईटी गठित की गई थी। शीर्ष अदालत ने 19 मई को शाह को फटकार लगाई थी और मंत्री के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी।
मंत्री विजय शाह ने आखिर कहा क्या था?
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था, ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।’ शाह ने आगे कहा- ‘अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा, कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।’