नई दिल्लीः संविदा कर्मचारी भले ही सरकारी विभागों में काम करते हैं, लेकिन उन्हें सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधाएं नहीं मिल पाती है। यही वजह है कि वे लगातार अपनी मांगों को लेकर सड़क लेकर अदालतों तक लड़ाई लड़ते हैं। इस बीच अब बिहार सरकार ने नियमित कर्मचारियों के साथ-साथ संविदा कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार ने दोनों तरह के कर्मचारियों का बीमा कराने का फैसला लिया है। यह बीमा एक करोड़ रुपए से लेकर एक करोड़ 60 लाख रुपए तक का होगा। हादसे में मौत होने पर यह राशि उनके परिवार को मिलेगी। हालांकि, स्थायी और संविदा दोनों के कवर राशि में अंतर होगा।
मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने इसके लिए 9 राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ करार किया है। स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूको बैंक से करार किया गया। इस बैंकों से कर्मियों को दुर्घटना बीमा की सुविधा मिलेगी। शामिल बैंकों में सैलरी अकाउंट खोलते ही सरकारी कर्मी लाभ के हकदार हो जाएंगे।
बताया जा रहा है कि इसी साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। यही वजह है कि सरकार नियमित और संविदा कर्मचारियों को साधने में लगी हुई है। बिहार में सीएम सचिवालय से लेकर प्रखंड स्तर पर 50 हजार से अधिक कर्मी ठेके पर तैनात हैं। चुनाव से पहले सरकार इन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दे सकती है। संविदाकर्मियों की मांगों को लेकर पूर्व मुख्य सचिव एके चौधरी की अध्यक्षता में उच्च समिति का गठन 24 अप्रैल 2015 को किया गया था। इस समिति का शुरुआती कार्यकाल 3 महीने का था, लेकिन साल-दर-साल दर्जनों कार्यकाल विस्तार के साथ समिति 2020 तक काम करती रही। कमेटी ने संविदा कर्मियों की संविदा सीमा 60 साल तक करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे सरकार ने मान लिया था, लेकिन सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दे पाई थी। इस साल चुनाव है। ऐसे में अब सरकार संविदा कर्मचारियों को तोहफा दे सकती है।