कबीरधाम में दबंगई: किसान की पुश्तैनी जमीन पर कब्जा, न्याय के लिए दर-दर भटक रहा पीड़ित

कबीरधाम में दबंगई: किसान की पुश्तैनी जमीन पर कब्जा, न्याय के लिए दर-दर भटक रहा पीड़ित

कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम (कवर्धा) जिले के भरेवापूरन गांव में एक अजीबोगरीब और परेशान करने वाला मामला सामने आया है। एक पीड़ित किसान जनक चंद्राकर ने अपनी पुश्तैनी 3 एकड़ जमीन चोरी होने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में पीड़ित किसान ने पटवारी से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक अपनी फरियाद पहुंचाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है। हताश किसान ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी जमीन वापस नहीं मिली, तो वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे।

गांव के दबंग पर अवैध कब्जे का आरोप

मामला कुंडा तहसील के भरेवापूरन गांव का है। जनक चंद्राकर ने अपनी पत्नी के साथ कवर्धा कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज की कि उनकी 3 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर गांव के एक दबंग व्यक्ति, रामकुमार चंद्राकर, ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।

पीड़ित किसान का कहना है कि उनके पूर्वज वर्षों से इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं, और वह स्वयं भी इस जमीन पर धान की फसल उगाकर अपनी आजीविका चला रहे हैं। इसके बावजूद, दबंग द्वारा कब्जा किए जाने के कारण उनकी मेहनत और हक पर संकट मंडरा रहा है।

चार महीने पहले दी थी तहसील में शिकायत

किसान ने बताया कि उन्होंने चार महीने पहले तहसील कार्यालय में इस अवैध कब्जे के खिलाफ आवेदन दिया था। आवेदन के बाद सीमांकन का आदेश भी जारी हुआ, लेकिन पटवारी और राजस्व निरीक्षक (आरआई) ने अभी तक जमीन का सीमांकन नहीं किया है।

इस देरी के कारण किसान और उनके परिवार की परेशानी बढ़ती जा रही है। जनक चंद्राकर ने बताया कि वह इस जमीन पर हर साल धान की फसल उगाते हैं और उसे सोसायटी में बेचकर अपनी जीविका चलाते हैं। इसके अलावा, इस जमीन पर उन्होंने कर्ज भी लिया हुआ है, जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति और भी नाजुक हो गई है।

पुश्तैनी जमीन पर खेती से चलता है परिवार

पीड़ित किसान दंपति ने बताया कि यह 3 एकड़ जमीन उनकी पुश्तैनी संपत्ति है, जिस पर वे कई वर्षों से खेती करते आ रहे हैं। इस जमीन से प्राप्त होने वाली फसल उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। लेकिन दबंग द्वारा अवैध कब्जे के कारण अब उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।

किसान ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उन्होंने हर संभव जगह अपनी गुहार लगाई, लेकिन कहीं से भी सुनवाई नहीं हुई। इस अन्याय से आहत होकर वह अब हताश हो चुके हैं और अपनी जान देने की बात कह रहे हैं।

प्रशासन ने कहा जल्द होगा सीमांकन

इस मामले पर पंडरिया के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) संदीप ठाकुर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जनक चंद्राकर और रामकुमार चंद्राकर के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। पहले भी इस विवादित जमीन का सीमांकन किया जा चुका है, लेकिन दूसरी बार सीमांकन के लिए गई टीम मौसम की खराबी के कारण कार्य पूरा नहीं कर पाई। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि जल्द ही विवादित जमीन का सीमांकन कर लिया जाएगा और मामले का निपटारा किया जाएगा।


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