भारी बारिश ने बिगाड़ा किचन का जायका, पानी में डूब गई सब्जी की फसलें, कीमतों में दो गुना बढ़ोतरी

भारी बारिश ने बिगाड़ा किचन का जायका, पानी में डूब गई सब्जी की फसलें, कीमतों में दो गुना बढ़ोतरी

छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब रसोई पर भी दिखने लगा है। बिलासपुर के साथ ही अब प्रदेश भर में लोकल सब्जियों की अवाक कम हो गई है। वहीं, किसान सब्जी की खेती छोड़कर खेती-किसानी में व्यस्त हो गए हैं। जिससे मंडी में दूसरे राज्यों से सब्जियां पहुंच रही हैं।

यही वजह है कि अब सब्जियां महंगी हो गई है। एक सप्ताह पहले 25 से 30 रुपए प्रति किलो बिकने वाली टमाटर 50 रुपए तक पहुंच गई है। वही, गोभी, परवल, भिंडी और बैगन जैसी सब्जियों के दाम भी दो गुना हो गया है।

शहर की सब्जी मंडियों में इस सप्ताह सब्जियों के दामों में अचानक से तेजी आई है। इसका सबसे बड़ा कारण भारी बारिश के चलते लोकल सब्जी की फसलें चौपट हो गई है, जिससे लोकल सब्जियों की आवक में भारी कमी आई है। किसानों का कहना है कि बारिश में सब्जी की फसलें डूब गई है। वहीं, लगातार बारिश के चलते पैदावार भी कम हो गया है।

सब्जी की खेती करने वाले किसानों के बेहतर मौका

मानसूनी बारिश जहां धान की फसल लेने वाले किसानों के लिए राहत लेकर आई है। वहीं, सब्जी उत्पादक किसानों के लिए बारिश आफत बन गई है। जिले में लगातार हुई भारी बारिश से करीब एक हजार हेक्टेयर में सब्जी की फसल नष्ट हो गई है। टमाटर, भिंडी, लौकी, तोरई और खीरा-ककड़ी जैसी मौसमी सब्जियां खेतों में सड़ गई हैं।

जिसके चलते मंडियों में लोकल सब्जियों की आवक कम हो गई। हालांकि, ऐसे भी उत्पादक हैं, जो बारिश में सब्जी की खेती कर अच्छे दाम भी पा रहे हैं। इससे उनकी कमाई बढ़ गई है। बाजार में उनकी लोकल सब्जियों की कीमतें दो गुनी हो गई है।

टमाटर से लेकर सभी सब्जियों कीमतें हुई दो गुनी

बिलासपुर और आसपास के जिलों में भारी बारिश होने से टमाटर ही नहीं, बल्कि सभी सब्जियों के भाव बढ़ गए हैं। कहा जा रहा है कि बारिश के चलते स्थानीय फसल बर्बाद हो गई है। विक्रेताओं का कहना है कि अब सब्जी महंगी हो गई है। बारिश की वजह से सब्जियों के भाव में जोरदार उछाल आया है।

चिल्हर बाजार में जो सब्जियां 15 से 30 रुपए प्रति किलो बिक रही थी, वहीं अब 40 से 80 रुपए प्रति किलो हो गई है। 25 से 30 रुपए किलो बिकने वाली टमाटर 50 से 60 तक पहुंच गया है। वहीं, करेला, भिंडी, तोरई, लौकी, बैगन भी 40 से 80 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। 30 रुपए किलो मिलने वाला बैगन अब 50 से 60 रुपए किलो हो गया है।

सब्जी व्यापारियों के अनुसार, स्थानीय खेतों से आने वाली टमाटर, भिंडी, लौकी, करेला और हरी मिर्च जैसी सब्जियों की मात्रा में 40 प्रतिशत तक गिरावट आई है। इसकी वजह से इनकी कीमतें प्रति किलो 20 से 30 रुपए तक बढ़ गई हैं। फुटकर व्यापारियों का कहना है कि बारिश के बाद सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं।

दूसरे राज्यों से आ रहीं सब्जियां, इसलिए बढ़ी कीमतें

थोक विक्रेताओं का कहना है कि, टमाटर के साथ कई सब्जियां दूसरे प्रदेश जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात से आ रही हैं। स्थानीय बाड़ियों से सब्जियों का आवक बहुत ही कम हो गया है। इस समय ज्यादातर सब्जियां 40 से 60 रुपए किलो थोक में बिक रही हैं। चिल्हर की बात करें तो सभी सब्जियां 50 से 80 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही हैं।

बेंगलोर से आ रही टमाटर

यहां अब बैंगलोर से टमाटर आ रही है। स्थानीय बाड़ियों से टमाटर नहीं आने से कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। बुधवार को थोक फल सब्जी मंडी तिफरा में 600 से 650 रुपए प्रति कैरेट टमाटर बिका है। 10 दिन पहले टमाटर 250 से 300 रुपए प्रति कैरेट बिका था। कुछ दिनों में ही टमाटर की रेट एकदम लाल हो गया।

थोक फल सब्जी मंडी तिफरा महासंघ के सचिव राज सोनकर ने बताया कि, लोकल टमाटर की आवक कम होने और बाहर से आने की वजह से इसकी कीमत में भारी बढ़ोतरी हुई है। टमाटर ही नहीं सभी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं।


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