दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में मंगलवार, 8 जुलाई को एक बड़ी सफलता हासिल हुई, जब 8 लाख रुपये के इनामी नक्सली चंद्रन्ना समेत 12 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें चार महिला नक्सली भी शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव राय की उपस्थिति में लोन वर्राटू (घर वापसी) अभियान के तहत हुआ। इस अभियान के तहत अब तक दंतेवाड़ा में 1,005 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं, जिनमें 249 इनामी नक्सली शामिल हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली
12 नक्सलियों में से 9 पर कुल 28.50 लाख रुपये का इनाम था। इनमें से कुछ प्रमुख नक्सली और उनके इनाम निम्नलिखित हैं:
चंद्रन्ना उर्फ बुरसु पूनेम (पश्चिम बस्तर डिवीजन, डीकेएसएम अध्यक्ष) – 8 लाख रुपये
अमित उर्फ हिंगा बारसा (गदचिरोली डिवीजन, डीकेएसएम कंपनी नंबर 10 सदस्य) – 8 लाख रुपये
अरुणा लेकाम (डीकेएसएम मेडिकल टीम सदस्य) – 5 लाख रुपये
देवा कवासी (लाइन नंबर 32 कमांडर) – 3 लाख रुपये
राजेश मड़काम (डीकेएसएम बीजापुर अध्यक्ष) – 2 लाख रुपये
पायके ओयाम (परिया कमेटी पार्टी सदस्य) – 1 लाख रुपये
कोसा सोढ़ी, महेश लेकाम, राजू करटाम (आरपीसी सदस्य) – प्रत्येक पर 50,000 रुपये
बाकी तीन नक्सली- हिड़मे कोवासी, जीबू उर्फ रोशन, और अनिल लेकाम—निचले स्तर के सदस्य थे, जिन पर कोई इनाम घोषित नहीं था। ये नक्सली दंतेवाड़ा के साथ-साथ सुकमा, बीजापुर, और नारायणपुर जिलों से ताल्लुक रखते हैं।
लोन वर्राटू अभियान की सफलता
लोन वर्राटू (गोंडी भाषा में ‘घर वापसी’) अभियान जून 2020 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। दंतेवाड़ा पुलिस के इस अभियान ने 1,000 से अधिक नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया है।
दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय ने कहा, “यह उपलब्धि सरकार की दूरदर्शी नीतियों, सुरक्षा बलों की निरंतर कार्रवाई, और स्थानीय समुदायों के विश्वास का प्रतीक है।” आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की नई पुनर्वास नीति के तहत 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि, कपड़े, और अन्य सहायता प्रदान की गई।
नारायणपुर में 6 नक्सलियों की गिरफ्तारी
इसी दिन नारायणपुर जिले में पुलिस ने एक अन्य ऑपरेशन में 6 नक्सलियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो महिला नक्सली—पारो हपका और सुनीता उर्फ संगीता मंडावी—शामिल थीं। ये दोनों कुतुल एलओएस (लोकल ऑर्गनाइजेशन स्क्वॉड) में सक्रिय थीं। पुलिस ने उनके पास से हथियार और विस्फोटक बरामद किए, जिनमें 12 बोर बीजीएल लॉन्चर, दो बीजीएल बम, एक टिफिन बम, डेटोनेटर, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं। ये नक्सली कई बड़ी नक्सली वारदातों में शामिल थे।
नक्सल मुक्त भारत का लक्ष्य
केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की संयुक्त नक्सल उन्मूलन मुहिम के तहत सैकड़ों नक्सली मारे गए हैं, और हजारों ने आत्मसमर्पण किया या गिरफ्तार हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश को नक्सल मुक्त करने के लिए मार्च 2026 की समय सीमा तय की है। उन्होंने नक्सलियों से हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी इस अभियान की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान की प्रगति
2024 में बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके अलावा, कई गांवों को नक्सल मुक्त घोषित किया गया है, जिनमें सुकमा का बडेसेट्टी और केरलापेंडा गांव शामिल हैं। इन गांवों को सरकार की एलवड पंचायत योजना के तहत 1 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लाभ मिलेगा। यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।