रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने राज्य सरकार से “मोदी की गारंटी” लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन की घोषणा की है। फेडरेशन ने 16 जुलाई 2025 को सभी जिलों और ब्लॉकों में रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया है। यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो 22 अगस्त को प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी गई है।
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भाजपा ने कर्मचारियों से कई वादे किए थे, जिन्हें अब तक अमल में नहीं लाया गया। इनमें केंद्रीय पैटर्न पर डीए/डीआर, लंबित एरियर्स का जीपीएफ में समायोजन, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण, वेतन विसंगति दूर करना, पंचायत सचिवों का शासकीयकरण और मितानिनों व रसोइयों के मानदेय में 50% वृद्धि जैसे वादे शामिल हैं।
फेडरेशन ने आरोप लगाया कि सरकार इन वादों को लेकर मौन है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। इसी के विरोध में “वादा निभाओ रैली” और फिर “कलम बंद, काम बंद” की तैयारी की गई है।
संघ ने यह भी मांग की है कि पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, अर्जित अवकाश की सीमा 240 से बढ़ाकर 300 दिन की जाए, और कैशलेस सुविधा लागू की जाए। यदि सरकार ने ठोस पहल नहीं की तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकता है। फेडरेशन ने प्रदेश के समस्त कर्मचारियों से आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।