रायपुर। केंद्र सरकार ने आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत 2027 में होने वाली 16वीं जनगणना के दौरान जाति आधारित आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। इस दिशा में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और छत्तीसगढ़ में इसके लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। आइए जानते हैं कब और कैसे शुरू होगी जातीय जनगणना…।
छत्तीसगढ़ में नोडल अधिकारी नियुक्त
छत्तीसगढ़ सरकार ने जातीय जनगणना की तैयारियों को गति देने के लिए अपर प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मनोज कुमार पिंगुआ छत्तीसगढ़ में जनगणना गतिविधियों के समन्वय की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह नियुक्ति केंद्र सरकार के निर्देशानुसार की गई है, जो जनगणना अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत 2027 में राष्ट्रीय जनगणना आयोजित करने जा रही है। इस जनगणना में पहली बार जाति आधारित आंकड़े भी शामिल होंगे।
जातीय जनगणना का समय और चरण
भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण के अनुसार, जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। पहला चरण 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जिसमें मकानों की लिस्टिंग, सुपरवाइजर्स और गणना कर्मचारियों की नियुक्ति और कार्य का बंटवारा किया जाएगा। दूसरा चरण 1 फरवरी 2027 से शुरू होगा जिसमें जनसंख्या की गणना और जाति आधारित आंकड़े एकत्र किए जाएंगे।
कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड में जातीय जनगणना 1 अक्टूबर 2026 से शुरू हो जाएगी। यह जनगणना भारत में 16 साल बाद हो रही है, क्योंकि पिछली जनगणना 2011 में आयोजित की गई थी।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 31 दिसंबर 2025 तक नगर निगमों, राजस्व गांवों, तहसीलों, उप-विभागों या जिलों की सीमाओं में किसी भी प्रस्तावित बदलाव को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है। यह कदम जनगणना प्रक्रिया को सुचारू और सटीक बनाने के लिए उठाया गया है।
जातीय जनगणना का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक नीतियों को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए सटीक डेटा एकत्र करना है। यह जनगणना विभिन्न जातियों की जनसंख्या, सामाजिक स्थिति, और अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ों को सामने लाएगी, जो नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में, जहां सामाजिक संरचना जटिल है, यह डेटा सामाजिक समानता और विकास योजनाओं को लागू करने में सहायक होगा।
छत्तीसगढ़ में जनगणना की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। नोडल अधिकारी मनोज कुमार पिंगुआ के नेतृत्व में राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों का पालन करते हुए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जनगणना प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध हो।