ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में मानसून की पहली ही बारिश ने नगर विकास कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मानसून की पहली ही बारिश में AG ऑफिस पुल से माधव नगर गेट की ओर जाने वाली यह सड़क इतनी बुरी तरह धंसी कि नीचे से सुरंग उभर आई।
सड़क बनाई या दिखावा किया?
गड्ढों में समा चुकी सड़क ग्वालियर के हुए विकास की पारदर्शिता की असल तस्वीर है। करोड़ों रुपये की लागत से बनी ये सड़क अगर एक बारिश नहीं झेल पाई, तो सवाल यह है कि सामग्री में मिलावट हुई या निर्माण में लापरवाही? और इन सबका ज़िम्मेदार कौन?
गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन घटना ने स्थानीय प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रुचिका चौहान ने तत्काल उच्च स्तरीय तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने दो सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन किया है जो अगले 5 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी।
जांच समिति में कौन-कौन?
जांच समिति में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के देवेंद्र भदौरिया और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के महाप्रबंधक एम.आई. कुरैशी को शामिल किया गया है। यह समिति कई अहम तकनीकी पहलुओं की जांच करेगी, जिससे यह पता लगाया जा सके कि सड़क के धंसने की असल वजह क्या थी।
रोड धंसकने के मुख्य कारण और संभावित दोषियों की पहचान
कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि समिति सभी संबंधित दस्तावेजों, निर्माण स्वीकृतियों और साइट निरीक्षण के आधार पर निष्पक्ष और पारदर्शी रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता पाई जाती है तो संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम की प्रतिक्रिया
सड़क धंसने की घटना के बाद नगर निगम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ इंजीनियरों को उनके पदों से हटाया है। प्रशासन द्वारा गठित यह जांच समिति अब पूरे घटनाक्रम का विश्लेषण कर दोषियों की सही पहचान करेगी।